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    महिलाओं में जननांग टीबी से बढ़ रही बांझपन की समस्या, जानिए कैसे? Aligarh news

    आजकल महिलाओं में बांझपन आम समस्या हो गई है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें जननांग टीबी के चलते बांझपन की समस्या के तमाम मामले सामने आने लगे हैं। कई परिस्थितियों में बिना लक्षणों के साथ उत्पन्न जननांग टीबी बांझपन के अलावा गंभीर टीबी में बदलने का प्रमुख कारण है।

    By Anil KushwahaEdited By: Updated: Sat, 20 Mar 2021 09:40 AM (IST)
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    आजकल महिलाओं में बांझपन आम समस्या हो गई है।

    अलीगढ़, जेएनएन : आजकल महिलाओं में बांझपन आम समस्या हो गई है। इसके अनेक कारण हैं। इनमें जननांग टीबी के चलते बांझपन की समस्या के तमाम मामले सामने आने लगे हैं। कई परिस्थितियों में बिना लक्षणों के साथ उत्पन्न जननांग टीबी बांझपन के अलावा गंभीर टीबी में बदलने का प्रमुख कारण है, जो हमारे फैफड़ों को प्रभावित करती है, जबकि, जननांग टीबी से नलों में अंडो के रास्ते में  अवरोध पैदा होता है। 

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    60 से 80 फीसद महिलाओं में बांझपन

    जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि टीबी माइक्रोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक संक्रमित जीवाणुओं के शरीर में प्रवेश होने के कारण होती है । करीब 60 से 80 फीसद महिलाओं में बांझपन का कारण टीबी के रूप में जो सामने आता है और टीबी से नलों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है । नले बंद होने से गर्भ नहीं ठहरता। जननांग में एक फीसद टीबी के मामले देखे गए हैं । कई बार इस रोग की पुष्टि हुई है। सामान्य टीबी के इलाज से जननांगों की टीबी ठीक हो जाती है । प्रारंभिक अवस्था में इलाज नहीं हो तो आगे स्थिति गंभीर हो सकती है ।    

    क्या है गर्भाशय टीबी

    आमतौर पर तपेदिक या टीबी स्त्रियों के जननांग जैसे अंडाशय, नले, गर्भाश्य, गर्भाशय ग्रीवा तथा योनि में आसपास के लिए नोडस को प्रभावित करता है । यह रोग मुख्यता महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान प्रभावित करता है और अक्सर बांझपन का कारण बन जाता है, क्योंकि बैक्टीरिया जननांग पर हमला करते हैं । फेफड़ों में संक्रमण होते हैं इसका पता लगाना शुरुआत में आसान है। यदि बैक्टीरिया सीधे जननांग अंगों पर हमला करता है तो बाद के स्टेज में इसका पता लगाना बहुत मुश्किल होता है । 

    परीक्षण का उपचार

    इसका समय पर उपचार हो जाए तो गर्भधारण में समस्या नहीं आती । इसका पता लगाने के लिए कोई विशिष्ट जांच नहीं । एंडोमैट्रियल बायोप्सी और लेप्रोस्कोपी का उपयोग यह जांचने के लिए किया जाता है ।

     गर्भाशय टीबी से बचने के उपाय

    - स्वच्छता का ध्यान रखें, कमरे को रोशनी हवा युक्त रखें

    - खानपान शुद्ध व पौष्टिक रखें

    - निचले पेट में गंभीर दर्द

    - अनियमित मासिक धर्म, योनि स्राव होने पर डॉक्टर से सलाह लें ।