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    कोइल से अलीगढ़ तक का सफर जल्‍द हो सकता है खत्‍म, 'हरिगढ़' का होगा उदय

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Sun, 17 Apr 2022 08:14 AM (IST)

    ताला तालीम की नगरी के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ का नाम जल्‍द ही बदल सकता है। अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने की सिफारिश की गयी है। इसके पीछे जिला पंचायत अध्‍यक्ष ...और पढ़ें

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    देश-दुनिया में ताला-तालीम के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ जिले के जल्द ही नाम बदलने पर मुहर लग सकती है।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। देश-दुनिया में ताला-तालीम के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ जिले के जल्द ही नाम बदलने पर मुहर लग सकती है। जिला पंचायत ने 15 दिन पहले इसका संशोधित प्रस्ताव शासन में भेज दिया है। इसमें अलीगढ़ के नाम को हरिगढ़ करने की सिफारिश की गई है। हरिगढ़ के पीछे जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह का तर्क है कि अलीगढ़ तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास की भूमि है। जनसंघ के जमाने से ही अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की मांग चली आ रही है। ऐसे में जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में मुहर लगने के बाद इसका प्रस्ताव शासन में भेजा गया है। कुछ दिन पहले कुछ कमियों के बारे में अवगत कराया गया था। ऐसे में अब जिला पंचायत ने दोबारा से संशोधित प्रस्ताव शासन में भेज दिया है।

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    अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की सिफारिश

    पिछले साल अगस्त में नवगठित जिला पंचायत बोर्ड की दूसरी बैठक हुई थी। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने सभी सदस्यों से सुझाव मांगे। इस पर बिजौली ब्लाक प्रमुख उमेश यादव व अतरौली ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि केहरी सिंह ने अलीगढ़ जिले के नाम को हरिगढ़ करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने भी इसी नाम के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष को ज्ञापन दिया। इस पर सदन के सदस्य व जनहित की मांगों को देखते हुए जिला पंचायत बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाकर शासन में भेज दिया। इसमें अलीगढ़ जिले का नाम हरिगढ़ करने की सिफारिश की गई।

    संशोधित प्रस्ताव

    अब कुछ दिन पहले शासन स्तर से जिला पंचायत को एक पत्र मिला था। इसमें जिले के नाम बदलने के प्रस्ताव में कुछ कमियों का जिक्र किया था। जिला पंचायत अध्यक्ष ने तत्काल इन कमियों को दुरुस्त कराकर दोबारा प्रस्ताव शासन में भेज दिया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अलीगढ़ के नााम बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

    अलीगढ़ का यह है इतिहास

    250 साल पहले अलीगढ़ का नाम कोइल के नाम से जाना जाता था। यहां पर बड़ी संख्या में कोइल जनजाति के लोग रहते थे। फिर, 1750 में जाट शासक सूरजमल व नजाफ खान के बीच लड़ाई हुई। इसमें नजाफ खान ने इस शहर पर कब्जा कर लिया और इसका नाम बदलकर अलीगढ़ कर दिया। तभी से इसकी पहचान अलीगढ़ के नाम से होती है।

    स्वामी हरिदास का अलीगढ़ से गहरा नाता

    संगीतकार स्वामी हरिदास जी का अलीगढ़ से गहरा नाता रहा है। लोधा ब्लाक के हरिदासपुर में 1512 में इनका जन्म हुआ था। यह महान संगीतकार व प्रकांड विद्धान थे। इन्होंने तानसेन को शिक्षा दी थी। इनकी पत्नी का समाधिस्थल भी अलीगढ़ में हैं। स्वामी हरिदास भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। अकबर ने छिपकर इनका संगीत सुना था। इन्होंने ही वृंदावन में बांके बिहारी प्राकट्य किया था। वृदावन के निधिवन में इनका समाधिस्थल है।

    इनका कहना है

    पिछले साल जिला पंचायत सदन में सर्वसम्मिति से नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया था। स्वामी हरिदास के नाम पर अलीगढ़ से हरिगढ़ करने की सिफारिश की गई थी। पिछले दिनों शासन स्तर से संशोधित प्रस्ताव मांगा गया था। इसे दोबारा यहां से भेज दिया गया है।

    विजय सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष