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    आज ही के दिन एमएओ कॉलेज की रखी गई थी नींव, ऐसे हुई AMU की स्‍थापना Aligarh News

    By Sandeep kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jan 2021 07:10 AM (IST)

    1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की नींव आज के ही दिन 8 जनवरी 1877 को नींव रखी गई थी। 74 एकड़ फौजी छावनी की जमीन (जहां एएमयू का एसएस हॉल है) पर कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ था।

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    मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की नींव 8 जनवरी 1877 को नींव रखी गई थी।

    अलीगढ़, संतोष शर्मा। 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बने मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की नींव आज के ही दिन 8 जनवरी 1877 को नींव रखी गई थी। 74 एकड़ फौजी छावनी की जमीन (जहां एएमयू का एसएस हॉल है) पर कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ था। कॉलेज की स्थापना समारोह में उस समय के वायसराय लार्ड लिटिन व बनारस के नरेश शंभू नारायण भी शामिल हुए। अलीगढ़ का पर्यावरण बेहतर होने पर सर सैयद ने कॉलेज खोलने का फैसला लिया था।

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    सर सैयद ने आधुनिक शिक्षा को हथियार बनाया

     1857 की क्रांति ने सर सैयद अहमद खां को झकझोर दिया था। इस गदर में उनके मामू व मामूजाद भाई अंग्रेजों के हाथों मारे गए। ये मुगल सल्तनत का आखिरी दौर भी था। सर सैयद ने तभी ईस्ट इंडिया कंपनी को ज्वॉइन किया। अंग्रेजों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए आधुनिक शिक्षा को हथियार बनाया। 1869-70 में अलीगढ़ में सब कुछ बेचकर लंदन चले गए। वहां ऑक्सफोर्ड व कैंब्रिज का दौरा किया। सोचा कि पढ़ाई का ऐसा माहौल भारत में हो कि कोई अनपढ़ न बचे। यही सोच हिदुस्तान लौटा लाई। 1875 में सर सैयद ने सबसे पहले  सात छात्रों के साथ मदरसा-तुल-उलूम खोला। इससे पहले सर सैयद ने ऑक्सफोर्ड-कैंब्रिज जैसे विश्वविद्यालय बनाने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया था। आधुनिक एएमयू की स्थापना के लिए सर सैयद ने दान को हथियार बनाया। तब के राजा महाराजाओं से लेकर हर किसी से दान मांगा। 

    शताब्दी समारोह का आयोजन 

    एमएओ कॉलेज के एएमयू बनने की अधिसूचना 1 दिसंबर 1920 को जारी हुई थी। एएमयू के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष में एएमयू ने 22 दिसंबर को शताब्दी समरोह का आयोजन किया। जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था।  

    राष्ट्रपति तक निकले 

    एएमयू की छात्र राजनीति से  कई मंत्री, राज्यपाल यहां से निकले हैं। एएमयू के कुलपति रहे पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन भी यूनियन के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह बिहार के राज्यपाल व देश के प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी यूनियन के अध्यक्ष रह चुके हैं। सपा सांसद आजम खान यूनियन के सचिव चुने गए थे।

    35 को आजीवन सदस्यता

    छात्र संघ की ओर से सबसे पहले 1920 महात्मा गांधी को यूनियन की आजीवन सदस्यता दी गई थी। इसके बाद से अब तक 35 महान विभूतियों को यह सम्मान दिया जा चुका है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, नोबल पुरस्कार विजेता डॉ.  सीवी  रमन, सरोजनी नायडु, जय प्रकाश नारायण आदि के नाम शामिल हैं। 

    एएमयू के लिए 8 जनवरी का दिन बड़ा ही ऐतिहासिक है। इसी दिन एमएओ कॉलेज की नींव रखी थी। यही कॉलेज एएमयू बना। एमएओ कॉलेज से राजा महेंद्र प्रताप सिंह, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे कई महान स्वतंत्रता सैनानी निकले। जिन्होंने देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान दिया। 

    - प्रो. शाफे किदवई, प्रवक्ता एएमयू