आरोपितों ने क्रूरता की हद की पार, चाकू टूटा तो कैंची से हमला कर सुनीता को मौत की नींद सुलाया
पेंट कारोबारी की पत्नी की हत्या के आरोपितों ने क्रूरता की हदें पार दी। आरोपितों ने जब महिला पर चाकू से वार किया तो चाकू टूट गया इसके बाद उन्होंने क ...और पढ़ें

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पेंट कारोबारी की पत्नी सुनीता की हत्या के दौरान आरोपितों ने हैवानियत की हदें पार कर दीं। आरोपितों को अनुमान था कि घर में करीब 20 लाख रुपये मिल जाएंगे। लेकिन, सुनीता उनकी नीयत को भांप गई थीं, इसीलिए तुरंत बेटे को फोन लगा दिया था। बेटे ने फोन नहीं उठाया, मगर आरोपितों को लगा कि महिला की बेटे से बात हो गईं हैं और वह जल्दी ही आ जाएगा। इसीलिए तुरंत चाकू से हमला कर दिया। चाकू मार-मारकर आरोपित सुनीता से रकम के बारे में पूछते रहे। चाकू टूट गया तो मंदिर में रखी कैंची से हमला किया।
महिला को हो गया था आभास
मनोज को जानकारी थी कि पेंट कंपनी की तरफ से कारोबारी विजेंद्र के परिवार को फ्री ट्रिप गोवा की तीन रात और चार दिन की चार टिकटें मिली थीं। इसके तहत कारोबारी का बड़ा बेटा व बहू गोवा गए हैं। छोटा बेटा कारोबारी के साथ दुकान पर था। महिला के अकेले होने की जानकारी पर आरोपितों ने उसी रात लूट की योजना बनाई। घर जाने पर सुनीता ने मनोज को पीने के लिए पानी दिया। उन्हें कुछ आभास होने लगा तो दोनों से बाहर जाने के लिए भी कहा। बेटे अनिकेत को गेट के बाहर आकर फोन भी लगाया। लेकिन, फोन रिसीव नहीं हुआ। महिला गेट के अंदर आई, तभी पीछे से कैलाश भी घुस आया। दोनों को लगा कि सुनीता ने बेटे को फोन कर दिया है। अब बेटा जल्दी आ जाएगा। सुनीता ने बेटे को काल लगाया। लेकिन, फोन नहीं उठा। कैलाश ने सुनीता के हाथ पकड़े और मनोज ने चाकू मारना शुरू कर दिया। तभी अनिकेत का बैक काल आ गया। आरोपितों ने काल को काट दिया। इसके बाद सुनीता को दूसरे कमरे में खींचकर ले गए और सामान के बारे में पूछा। लेकिन, वह बेहोश हो गईं।
स्वजन ने आरोपितों से की मारपीट, हंगामा
पुलिस दोनों आरोपितों को पुलिस लाइन स्थित सीओ लाइन कार्यालय में ले आई। यहां स्वजन भी आ गए। इन्होंने स्वजन ने आरोपितों के साथ मारपीट कर दी। पुलिस ने आरोपितों को बचाया।
मुंह ढंककर गया था मनोज
कैलाश व मनोज बचपन के दोस्त हैं। मनोज ने घर में घुसने के दौरान मास्क भी लगा रखा था। भागने के दौरान उसका मास्क वहीं गिर गया था। इन्होंने तब तक चाकू से वार किए, जब तक कि उसकी मौत न हो गई।
अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था मनोज
आरोपित मनोज ने करीब 10 दिन पहले घटना की योजना बना ली थी। आरोपित न तो मोबाइल लेकर आए थे और न ही कोई वाहन। घटना के भागने के दौरान पैदल ही करीब तीन किलोमीटर दौड़ लगाई। घटना के बाद आरोपित निश्चिंत होकर अपने काम में लग गए थे। उन्हें लगा था कि उन पर किसी को शक नहीं होगा। अगले दिन सुनीता के अंतिम संस्कार में भी मनोज शामिल हुआ था। फिर मनोज कंपनी के काम से मैनपुरी गया और कैलाश भी गाजियाबाद व दिल्ली में घूमा था।
रिक्शे से उतरते हुए थे ट्रेस
पुलिस ने दो दिन के अंदर 400 से अधिक कैमरे खंगाले। इनमें गलियों में पहले कैलाश ट्रेस हुआ था। आसपास के लोगों को पुलिस ने फुटेज दिखाई तो लोगों ने कैलाश को पहचान लिया था। इसके बाद एक स्थान पर दोनों रिक्शे से उतरते दिख गए थे। यहीं से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस कैलाश के घर तक पहुंची। मनोज ने लोन लेकर लोहे की कील का कारोबार भी शुरू किया था, जिसमें घाटा हुआ था। कोरोना काल में उस पर कर्ज हो गया था। कैलाश हाईवे पर होटल एंड रेस्टोरेंट चलाता है। कैलाश पर कई लोगों का कर्ज है। ऐसे में दोनों ने लूट की योजना बनाई। लगा कि 20 लाख व कुछ जेवरात मिल जाएंगे तो सारा कर्जा खत्म हो जाएगा।
एसएसपी ने दिया 25 हजार का इनाम
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने घटना का अनावरण करने वाली टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सीओ प्रथम राघवेंद्र सिंह व सीओ श्वेताभ पांडेय के नेतृत्व में देहलीगेट इंस्पेक्टर प्रमेंद्र कुमार, एसआइ अमित कुमार, प्रमोद कुमार वशिष्ठ, मुकेश चौधरी, सर्विलांस सेल के प्रभारी संजीव कुमार, एसओजी शहर प्रभारी संदीप कुमार, शोएब आलम, महेंद्रपाल, विनोद कुमार, याकूब खान, सुखवीर सिंह, सुभाष चंद्र, संदीप कुमार, ज्ञानवीर सिंह, मनोज कुमार, मुरारीलाल, राजीव कुमार, अतुल कुमार व सचिन भदौरिया शामिल रहे।

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