अलीगढ़ के सभी ईंट भट्ठों पर लटकी बंदी की तलवार, विस्तार सेे जानिए मामला
जिले के सभी ईंट भट्ठों पर बंदी की तलवार लटक गई है। एनजीटी ( राष्ट्रीय हरित अभिकरण) ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पर्यावरण प्रदूषण खनन समेत करीब एक दर्जन से अधिक शर्तों को पूरा न करने वाले भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिले के सभी ईंट भट्ठों पर बंदी की तलवार लटक गई है। एनजीटी ( राष्ट्रीय हरित अभिकरण) ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर पर्यावरण, प्रदूषण, खनन समेत करीब एक दर्जन से अधिक शर्तों को पूरा न करने वाले भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिले के अधिकांश भट्ठे इन शर्तों के उल्लंघन में फंस रहे हैं। ऐसे में अब इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। डीएम के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व विधान जायसवाल ने संबंधित भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई के लिए तहसील स्तर पर टीमें गठित कर दी हैं। बुधवार से इन टीमों ने कार्रवाई शुरू कर दी। अतरौली व कोल तहसील में छह ईंट भट्टे बंद कराए जा चुके हैं।

एनजीटी में की शिकायत
जिले में कुल 350 ईंट भट्टे संचालित हैं। अलीगढ़ के भट्ठों से दिल्ली एनसीआर के जिलों में भी ईटों की खूब आपूर्ति होती है। जिले के कौड़ियागंज क्षेत्र में ही दर्जनों भट्ठे संचालित हैं। पिछले दिनों एनजीटी ने नोएडा, बुलंदशहर व मथुरा जिलों में भट्ठों के संचालन को लेकर सख्ती कर दी है। अब बीते दिनों झम्मनलाल गौतम नाम के व्यक्ति ने भी एनजीटी में अलीगढ़ के भट्ठों को लेकर याचिका दायर की। इस पर अब एनजीटी की तरफ से जिला प्रशासन को इस आदेश को लागू कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तहसील स्तर पर एसडीएम , प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, जिला पंचायत के एएमए व खनन अधिकारी की संयुक्त टीम गठित की गई है।
तीन भट्ठे में डाला गया पानी
बुधवार से प्रशासन ने भट्ठों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। पहले दिन अतरौली क्षेत्र में तीन भट्ठे बंद किए गए हैं। वहीं, गुरुवार को एसडीएम कोल संजीव ओझा के नेतृत्व में खनन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम कौड़ियागंज में पहुंची। यहां पर श्री श्याम, राधे-राधे व श्री राधा रानी भट्ठे को बंद कराय। टीम ने पुलिस के साथ यहां कार्रवाई की। भट्ठों की धधकती आग में पानी डलवाकर बंद कराया। अब इसी क्षेत्र के सभी भट्ठों को बंद किया जाना है।
एनजीटी के मानकों को करना होगा पालन
जानकारों की मानें तो शासन की मंशा है कि जो ईंट भट्ठे संचालित होंगे, वह एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार बनाए गए मानकों पर ही होंगे। जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इन सभी मानकों का पालन सुनिश्चित कराने के बाद ही संचालन की अनुमति देनी होगी। एनसीआर में पीएनजी गैस से ईंट भट्टों को संचालित किया जा रहा है। इस तकनीकी से पर्यावरण प्रदूषण कम होने के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का दोहन भी बंद होगा।
ईट भट्ठों को लेकर एनजीटी की ओर से जारी आदेश के आधार पर तहसीलों में कार्रवाई के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। आदेश के हिसाब से जिले के सभी ईंट भट्ठे उल्लंघन के दायरे में आ रहे हैं। ऐसे में सभी एसडीएम से कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है।
विधान जायसवाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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