स्वच्छ भारत मिशन : सचिव व पंचायत सहायक बनाएंगे ग्राम पंचायतों को माडल
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को माडल बनाया जाएगा। इसके तहत 28 ग्राम पंचायतों के कुल 36 ग्रामों के संबंधित 22 सचिव ग्राम पंचायत व 28 पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला का आयोजन विकास भवन में किया गया।
हाथरस, जागरण संवाददाता । स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य ग्राम पंचायतों को माडल बनाया जााएगा। इसके तहत इस वर्ष के 28 ग्राम पंचायतों के कुल 36 ग्रामों के सम्बन्धित 22 सचिव ग्राम पंचायत व 28 पंचायत सहायक का प्रशिक्षण विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने किया।
ओडीएफ प्लस की श्रेणी के बारे में बताया गया
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेज-2 के तहत कराये जाने वाले कार्यो की जानकारी, वित्तीय प्राविधान, कार्यो का प्लान तैयार करना तथा ओडीएफ प्लस की श्रेणियों की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में जिला पंचायत राज अधिकारी, परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्र द्वारा बेहतर तरीके से प्लान तैयार कर ग्राम पंचायत को बेहतर बनाये जाने का उद्बोधन किया गया। प्रशिक्षण के बाद संबंधित ग्राम पंचायतें अपना प्लान तैयार कर पंचायतीराज के पोर्टल पर अपलोड करने के पश्चात् शासन द्वारा ग्राम पंचायत को धनराशि आवंटन के बारे में जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण में योेगेश सारस्वत, शैलेंद्र लवानियां एवं राहुल सिंह जिला कंसल्टेंट, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अलावा पंचायत सचिव और अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
कूड़ा निस्तारण की आधुनिक प्रक्रिया लागू होगी
कार्यशाला में बताया गया कि जिले के विभिन्न ब्लाकों से चयनित किये गए गांवों में कूड़ा निस्तारण की आधुनिक प्रक्रिया लागू की जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत शुरुआत में विभिन्न ब्लॉकों की ओडीएफ घोषित हो चुकीं ग्राम पंचायतों के पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले ऐसे 36 राजस्व गांव चुने गए हैं, जहां इसके तहत सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करके डंपिंग जोन में पहुंचाया जाएगा। इसे लेकर ग्राम प्रधानों समेत अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को इस बारे में शिक्षित करने के लिए मंगलवार को विकास भवन में कार्यशाला उपाय बताए गए।
इन सभी बिंदुओं पर किया गया प्रशिक्षित
- गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाए रखने के लक्ष्य
- गांवों को ओडीएफ श्रेणी में लाने के मुख्य उद्देश्य
- गांवों को ओडीएफ बनाने में आने वाली चुनौतियां और उनसे निपटने के उपाय
- ठोस श्रेणी के जैविक, अजैविक व हानिकर कचरा की मौजूदा स्थिति
- तरल श्रेणी के कचरा निस्तारण की तकनीक
- घरेलू दूषित जल निस्तारण में उपयोगी सोख्ता गड्ढे
- प्लास्टिक और मलीय कीचड़ प्रबंधन