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Sanskarshala : छात्र-छात्राओं को इंटरनेट मीडिया के दुष्प्रयोग से बचने की दी गई सीख

Sanskarshala इंटरनेट मीडिया पर किसी भी पोस्‍ट के प्रसारित होने पर उसकी सच्‍चाई जाने बिना युवा बहस में जुट जाते हैं। इसके अलावा युवा एकाकी जीवन व्‍यतीत करने लगा है। संस्‍कारशाला में छात्रों को इंटरनेट मीडिया पर संयमित व सटीक बहस का हिस्‍सा बनने की सीख भी दी गयी।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 04:35 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 04:35 PM (IST)
Sanskarshala : छात्र-छात्राओं को इंटरनेट मीडिया के दुष्प्रयोग से बचने की दी गई सीख
दैनिक जागरण ने छात्र-छात्राओं के बीच संस्कारशाला के तहत प्रेरक कहानी व लेख पहुंचाए हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Sanskarshala : इंटरनेट मीडिया पर किसी भी पोस्ट पर अतार्किक व फिजूल की बहस छिड़ जाने का चलन रफ्तार पकड़ गया है। किसी भी पोस्ट के प्रसारित होने पर उसकी सच्चाई परखे बिना युवा बहस में जुट जाते हैं। इन्हीं सब आनलाइन गतिविधियों ने परिवार में कई सदस्यों के हाेने के बाद भी युवा lonely life व्यतीत करते हैं। इन बुराइयों व internet media पर अतार्किक बहस ने करने की सीख युवाओं व छात्र-छात्राओं को देने के लिए दैनिक जागरण ने उनके बीच संस्कारशाला के तहत प्रेरक कहानी व लेख पहुंचाए हैं। इससे विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भी इंटरनेट मीडिया पर संयमित व सटीक बहस का हिस्सा बनने की सीख भी ली है।

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इंटरनेट मीडिया के अधिक प्रयोग के बताए गए दुष्‍परिणाम : प्रधानाचार्यों ने भी नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को विषय से संबंधित लेख व कहानी पढ़कर सुनाई। उनको इंटरनेट मीडिया के अधिक प्रयोग के दुष्परिणाम भी बताए और सकारात्मक तौर पर उपयोग करने पर इसके लाभों से भी अवगत कराया। Mother's Touch Senior Secondary School की Principal Aarti Mittal ने कहा कि संस्कारशाला में प्रकाशित लेख व कहानी इस बार आनलाइन माध्यम व इंटरनेट मीडिया पर फोकस किए गए हैं। ये छात्र-छात्राओं व युवाओं को इसके दुष्परिणामों से सचेत करने में काफी मददगार है। उन्होंने स्कूल में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को इन प्रेरक कहानियों के बारे में विस्तार से बताया।

विद्यार्थियों के बोल

जागरण संस्कारशाला के टापिक से काफी कुछ सीखने को मिलता है। इंटरनेट मीडिया व आनलाइन व्यवस्था के बारे में सतर्कता व जागरूकता की जानकारी मिली है। प्रेरक कहानी ने आनलाइन ठगों से सावधान रहने की सीख भी दी।

- प्रतिज्ञा गर्ग, नौवीं, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल

कोई भी कार्य हो या कोई भी कदम उठा लिया हो, उसके बारे में अपने स्वजन को जरूर अवगत कराएं, ये सीख संस्कारशाला ने दी। स्वजन से बातें शेयर करने से मुश्किलें आसान होती हैं। इंटरनेट मीडिया पर संयम बरतने की सीख मिली।

- मौलिक, 10वीं, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल

इंटरनेट मीडिया पर बेवजह की बहस न करने व किसी भी पोस्ट को बिना जानकारी किए प्रसारित न करने की सीख मिली। कभी भी अपने अभिभावकों से छिपाकर कोई काम नहीं करना चाहिए। ये संस्कारशाला ने सिखाया है।

- नंदिनी शर्मा, 11वीं, रेडिएंट स्टार्स इंग्लिश स्कूल

आधुनिक व आनलाइन के दौर में साइबर क्राइम काफी बढ़ गया है। मगर छोटी-छोटी सावधानियों से इससे बचा जा सकता है। संस्कारशाला की कहानी भी यही समझाती है। मालूम सभी को होता है लेकिन ऐसी कहानियां काफी कुछ सिखाती हैं।

- उत्कृष्ट सृजन शर्मा, 12वीं, रेडिएंट स्टार्स इंग्लिश स्कूल

पहले विचार करो फिर कदम बढ़ाओ, सब यही सिखाते हैं। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किसी भी सामग्री को बिना पड़ताल करे अग्रसारित नहीं करना चाहिए। इससे दूसरों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं। इस पर कम समय बिताना ही हितकर है।

- परी वाष्र्णेय, 10वीं, विजडम पब्लिक स्कूल

इंटरनेट मीडिया पर झूठे व भ्रामक संदेशों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। संस्कारशाला की कहानी में भी बताया गया है कि कैसे बच्चा ठगी का शिकार हो जाता है? आनलाइन पेमेंट बिना अभिभावकों की जानकारी में लाए न करने की सीख मिली है।

- तनिष्का शर्मा, 11वीं, विजडम पब्लिक स्कूल


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