Special On Actor Shiv Kumar Birthday : शिव कुमार ने रखी थी ‘ब्रजवुड’ की नींव Aligarh News
आज जिस ब्रजवुड के सपने स्थानीय फिल्म निर्माता-निर्देश देख रहे हैं उसकी मजबूत नींव तो करीब 39 साल पूर्व सासनी क्षेत्र के गांव देेदामई (तब अलीगढ़) की माटी में जन्मे प्रतिभाशाली निर्माता-निर्देशक व अभिनेता शिव कुमार ने रख दी थी

अलीगढ़, विनोद भारती। आज जिस ब्रजवुड के सपने स्थानीय फिल्म निर्माता-निर्देश देख रहे हैं, उसकी मजबूत नींव तो करीब 39 साल पूर्व सासनी क्षेत्र के गांव देेदामई (तब अलीगढ़) की माटी में जन्मे प्रतिभाशाली निर्माता-निर्देशक व अभिनेता शिव कुमार ने रख दी थी, मगर नए निर्माता-निर्देशक उस पर इमारत नहीं खड़ी कर पाए। शिव कुमार ने ब्रजभाषा की पहली फिल्म ‘ब्रजभूमि’ बनाई, जो सुपर हिट रही। इसलिए उन्हें ब्रजवुड का जन्मदाता भी कहा जाता है। उनकी दूसरी फिल्म ‘लल्लू राम’ भी खूब चली थी। हिंदी सिनेमा के लिए एक से बढ़कर एक फिल्में दीं। खुद अभिनय भी किया। ब्रजवुड ही नहीं, हिंदी सिनेमा के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उनका जन्म 12 जनवरी 1942 को हुआ था।
अभिनेता शिव कुमार नेअभिनय से शुरुआत
शिवकुमार के साथ बतौर सहायक निर्देशक रहे पंकज शुक्ला व अनिल वर्मा ने बताया कि उनकी पढ़ाई भरतपुर में हुई। छात्र जीवन से अभिनय में रूचि हो गई। दोस्तों के प्रेरित करने पर आल इंडिया एक्टर कंपटीशन हुआ। 4500 प्रतिभागियों के बीच उनका चयन हो गया। प्रख्यात निर्माता निर्देशक किशोर साहु ने उन्हें अपनी फिल्म पूनम की रात में मनोज कुमार के साथ बतौर सहायक अभिनेता अभिनय का मौका दिया। इसके बाद हरे कांच की चूड़ियां में अभिनेता विश्व जीत के साथ अभिनय का मौका दिया। इस फिल्म से वे अपनी बेटी नैना साहु को डेब्यू करा रहे थे। इसके बाद महुआ, महफिल, हवस, मजबूर, हिमालय से ऊंचा, महा बदमाश, ठोकर, दोस्त और दुश्मन, लल्लू राम, बाल ब्रह्मचारी, कृष्णा तेरे देश में, रॉकी, ब्रजभूमि आदि फिल्मों में बतौर अभिनेता, सह अभिनेता व निर्देशक कार्य किया। ज्यादातर फिल्में हिट रहीं। अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म मजबूर व विनेद खन्ना के साथ नेहले पे देहला, डाकू और जवान, हवस, सुनील दत्त के साथ हिमालय से ऊंचा समेत कई फिल्मों में अभिनय किया। शिवकुमार ही थे, जिन्होंने 1982 में ब्रजभाषा की पहली फिल्म ''ब्रजभूमि'' बनाई। खुद निर्देशन भी किया। फिल्म ने गोल्डन जुबली मनाई। दूसरी फिल्म लल्लूराम भी सिल्वर जुबली रही। न हम तुम और वो, अहिंसा, माटी बलिदान की, मिट्टी और सोना, जय शाकुंभरी मां जैसी फिल्मों का भी निर्देशन किया। उनके निर्देशन में बनी अंतिम फिल्म ‘फिर से’ 2015 में आई। छोटा पर्दे पर भी शिव कुमार ने अपने समय के चर्चित सीरियल मशाल, तारा व पीढि़यां में अभिनय किया। उनका अभिनय लोगों ने खूब पंसद किया।
नए कलाकारों को मौका
पंकज शुक्ला ने बताया कि शिव कुमार नए कलाकारों को मौका देते थे। फरीदाबाद में अभिनय सिखाने के लिए एक्टिंग इंस्टीट्यूट भी खोला। ब्रजभाषा को बढ़ावा देने के लिए ब्रजभाषा भूषण अवार्ड से नवाजा गया। 2000 के दशक में प्रदर्शनी में ब्रज रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। अनिल वर्मा कहते हैं कि जब ब्रजभूमि का निर्माण हुआ तो शूटिंग देखने के लिए देदामई में भीड़ जुट जाती थी। मैं भी उनसे इसी दौरान पहली बार मिला। उनकी आखिरी इच्छा ब्रजवाला बनाने की थी, जो अधूरी रह गई। अपनी अंतिम इच्छा के अनुसार ही दो सितंबर 2018 को वे अपनी माटी में मिल गए। ब्रजवुड को उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।

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