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    Ukraine News : मौत के मुंह से लौटी शिवानी ने बताया एक समय खाकर काटा समय, यकीन नहीं होता जिंदा लौट आई

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Wed, 02 Mar 2022 02:08 PM (IST)

    Russia Ukraine Latest News रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत के छात्र छात्राएं वापस आ रहे हैंं। यूक्रेन से हाथरस के सादाबाद लौटी शिवानी गुप्‍ता ने वहां का भयावह मंजर बयां किया। उसने भारत सरकार को धन्‍यवाद दिया जिसकी वजह से आज वह मौत के मुंह से बाहर आयी है।

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    यूक्रेन से लौटने के बाद स्‍वजन के साथ शिवानी गुप्‍ता।

    हाथरस/सादाबाद, जागरण संवाददाता। यूक्रेन में युद्ध और धमाकों के बीच एक-एक पल दहशत में कट रहा था। इमरजेंसी की घोषणा के बाद से ही हालात बिगडऩे लगे थे। हम लोग भले ही पश्चिमी यूक्रेन के उजहोरोड शहर में थे, लेकिन डर कम नहीं था। हर तरफ भगदड़ का माहौल था। जो मंजर देखा वह डरावना था। घर जिंदा लौट आई हूं, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा। इसके लिए सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद.... यह बताते हुए सादाबाद की शिवानी गुप्ता का गला रुंध गया और आंखें झलक उठीं। सोमवार की देर रात घर पहुंची शिवानी ने मंगलवार को मीडिया के सामने यूक्रेन के हालात बयां किए।

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    पश्‍चिमी क्षेत्र अभी भी असुरक्षित

    शिवानी ने बताया कि रूस ने हमला पूर्वी यूक्रेन में किया है, पश्चिमी क्षेत्र अभी सुरक्षित है। लेकिन 24 फरवरी को इमरजेंसी की घोषणा होने के बाद यूनिवर्सिटी टीम ने अपने खाने पीने का प्रबंध करने की चेतावनी दे दी थी। इसके बाद तो माने हर कोई घबरा गया था। खाने पीने की व्यवस्था भी ढंग से नहीं हो सकी थी। साइबर अटैक भी हुआ तो कैश एटीएम से कैश निकालना भी मुश्किल हो गया। जैसे तैसे पैसा हम निकाल सके। कीव तक रूसी सेना पहुंच गई थी। वहां लगातार मिसाइल अटैक के वीडियो सामने आ रहे थे। इन्हें देखकर लग रहा था मानो अब ङ्क्षजदा घर नहीं लौट पाऊंगी। एक समय खाना खाकर रहे। हम चाह रहे थे कि किसी भी तरह से अपने मम्मी पापा के पास पहुंच जाएं। उजहोरोड शहर से हंगरी बार्डर केवल पांच किलोमीटर था। हमें दूतावास से जो निर्देश मिले उसके साथ ही रविवार को सुबह सात बजे हम हंगरी बार्डर के लिए निकल पड़े। इसके बाद वीजा, पासपोर्ट और संबंधिति कागजी कार्यवाही में छह-सात घंटे लगे। शाम को 7 बजे हम लोग हंगरी बार्डर पहुंचे। बस से एयरपोर्ट पहुंचे। हमारी बस पर तिरंगा झंडा लगा था, इसका सम्मान काफी देखने को मिला। वहां के अधिकारियों ने खाना पीना भी दिया। बस आंखें भारतीय फ्लाइट को देखने को तरस रही थीं। हमारी फ्लाइट आई और उसने उड़ान भरी तो जान में जान आ गई। सोमवार को शाम पांच बजे वह दिल्ली पहुंची तो लगा कि अब घर दूर नहीं है। मां ममता गुप्ता और पापा दिनेश गुप्ता ऐयरपोर्ट के बाहर खड़े थे। उन्हें देखकर लिपट गई। और खूब रोई।

    पूर्व यूक्रेन में भयावह हैं हालात

    शिवानी ने बताया कि पूर्व यूक्रेन में युद्ध चल रहा है। वहां के हालात भयावह हैं। बार्डर पर सेनाएं भारतीय छात्रों से बर्बरता कर रही हैं। इसकी वीडियो सामने आ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द बच्‍चों को वापस बुलाया जाए। कीव में बच्‍चे अंडरग्राउंड मेट्रो रेलवे, बंकरों में समय काट रहे हैं। सर्दी बहुत ज्यादा है, खाने-पीने का सामान भी काफी कम बचा है।

    तरुण की मां भी दिल्ली हुई रवाना

    सादाबाद। शिवानी गुप्ता के पड़ोसी तरुण चौधरी भी मंगलवार की देर शाम को दिल्ली पहुंचने की सूना मिली है। उनकी मां डा. माया चौधरी भी अपने परिवार के लोगों के साथ दिल्ली रवाना हो गई हैं। आज तरुण के सादाबाद ने की संभावना हैं।