Cause of Road Accidents: ड्राइविंग के दौरान इन 6 कारणों से होते हैं सड़क हादसे, पढ़ें और सुरक्षित रहें
Cause of Road Accidents वाहन संचालन के दौरान छह प्रमुख कारण हैं जिसके चलते सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता कार्यक्रम से जुड़ी सामाजिक संस्था सेव लाइफ फाउंडेशन ने अपने सर्वे के दौरान हादसों के कारणों को चिन्हित किया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त होने वाली छोटी-छोटी गलतियां, बड़े हादसों की वजह बनती हैं। सेव लाइफ फाउंडेशन ने सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मेदार छह प्रमुख कारणों को चिन्हित किया है। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा एवं जागरुकता अभियान के तहत सेव लाइफ फाउंडेशन ने एक सर्वे के दौरान हादसों के कारणों को चिन्हित किया है। सर्वे में रात के वक्त गाड़ी चलाते वक्त, नींद आना या थकान होने को सबसे बड़ी वजह बताई गई है।
पर्याप्त आराम
विशेषज्ञों के अनुसार सुरक्षित गाड़ी चलाते वक्त ये जरूरी है कि ड्राइवर ने पर्याप्त नींद ली हो और वो तरोताजा महसूस करे। नींद और थकान पर काबू पाने के लिये ड्राइवर का पर्याप्त सोना जरुरी है। नियमित व्यायाम के साथ ही चालक को लंबी यात्रा के दौरान हल्का-फुल्का खाने के साथ, पानी का धीरे-धीरे सेवन भी करते रहना चाहिए।
असुरक्षित वाहन
सड़कों हादसों की दूसरी बड़ी वजह, वाहन का असुरिक्षत होना है। इसके लिये टायर का दबाव, ब्रेक पैड, तेल और कूलेंट, टायर की दशा आदि का ध्यान रखना जरूरी है।
अन्य ड्राइवर के व्यवहार को पहचानें
तीसरा कारण सड़क पर यात्रा के दौरान आसपास चल रहे अन्य वाहन चालकों द्वारा की जाने वाली गलतियां हैं। लिहाजा आसपास के ड्राइवर के व्यवहार को पहचानना भी बेहद जरूरी है। इसलिए हमेशा मुड़ने अथवा ब्रेक लगाने से पहले अपने आसपास और पीछे से आ रहे वाहन को जरूर देखना चाहिए। अचानक वाहन को रोकना या मोड़ना भी हादसों की प्रमुख वजहों में से एक है।
सड़कें व खराब मौसम
चौथा कारण खराब सड़कें और मौसम है। धुंध, कोहरा, तेज बारिश, आंधी वाले मौसम में धीमी गति से गाड़ी चलानी चाहिए। इस दौरान दृश्यता कम होती है और अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी आम मौसम की अपेक्षा कुछ ज्यादा दूर जाकर रुकती है। सड़क या मौसम खराब होने पर अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी काफी दूर तक फिसल कर आसपास के वाहनों से टकरा सकती है। इसी तरह अंधे मोड़, मतलब जहां सामने या पीछे से आने वाले वाहन साफ न दिखें, वहां बेहद सावधानी बरतनी चाहिये। ऐसी जगहों पर मुड़ते वक्त हार्न और डिपर (पास) का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
नशे में गाड़ी चलाना
पांचवा कारण नशे में गाड़ी चलाना है। इससे दुर्घटना होने की आशंका दो गुना तक बढ़ जाती है।
ओवर स्पीड़िंग
दुर्घटना का छठां कारण ओवरस्पीडिंग है। इससे वाहन को रोकने का रेस्पांस टाइम कम हो जाता है। जिसके कारण वाहन अचानक रूक नहीं पाता है और दुर्घटना का कारण बनता है। साथ ही तेज रफ्तार में अचानक से सामने कुछ आ जाए तो कंफ्यूजन की स्थिति बन जाती है।
80 फीसद हादसों में चालकों की गलती
भारत में पूरी दुनिया के केवल दो प्रतिशत वाहन हैं, जबकि विश्वभर में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 11 फीसद हादसे देश में होते हैं। इनमें से 80 फीसद दुर्घटनाएं वाहन चालकों की गलती के कारण होती हैं। देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष लगभग डेढ़ लाख व्यक्तियों की असमय मृत्यु हो जाती है। भारत में प्रत्येक मिनट एक व्यक्ति, प्रत्येक घंटे 16 व्यक्ति और प्रति दिन लगभग 400 व्यक्तियों की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हो जाती है। इससे होने वाला आर्थिक नुकसान भी बहुत ज्यादा हैं, जो कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पादन का तीन फीसद है।
40 फीसद दोपहिया वाहन चालक प्रभावित
चालक द्वारा की जाने वाली सबसे बड़ी लापरवाही ओवर स्पीडिंग है। 60 फीसद दुर्घटनाएं इसी कारण होती हैं। सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 40 प्रतिशत दोपहिया चालक ही प्रभावित होते हैं। दोपहिया वाहन चलाते समय यदि हेलमेट ठीक ढंग से पहना जाए तो सिर पर चोट लगने से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है।
पहला घंटा महत्वपूर्ण
अलीगढ़ के आरटीओ प्रवर्तन फरीदउद्दीन ने बताया कि किसी भी दुर्घटना के बाद का पहला घंटा महत्वपूर्ण होता है। घायल को समुचित प्राथमिक चिकित्सा और अन्य चिकित्सीय सहायता मिल जाती है, तो उसके बचने एवं ठीक होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है।
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