Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aligarh News: पत्नी, बेटे व किरायेदार महिला की हत्या में रिटायर्ड फौजी को फांसी की सजा, 10 साल पहले खेला था खूनी खेल

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 10:48 PM (IST)

    अलीगढ़ में 10 साल पुराने बहुचर्चित हत्याकांड में सेवानिवृत्त फौजी मनोज कुमार सिंह को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। मनोज ने 12 जुलाई 2014 को अपनी पत्नी सीमा बेटे मानवेंद्र और किरायेदार शशिबाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के दौरान उसकी बेटी भी घायल हुई थी। अदालत ने दोषी पर 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

    Hero Image
    दोषी मनोज को जेल ले जाती पुलिस। जागरण

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। साढ़े 10 वर्ष पहले पत्नी, बेटे व किरायेदार महिला की गोली मारकर हत्या के बहुचर्चित मामले में शनिवार को निर्णय आ गया। एडीजे द्वितीय पारुल अत्री की अदालत ने दोषी सेवानिवृत्त फौजी को फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई है। उस पर एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसमें से 80 प्रतिशत धनराशि दोषी की बेटी को देने के आदेश दिए हैं, जो घटना के दौरान गोली लगने से घायल हुई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एडीजीसी मेपे सिंह ने बताया कि घटना 12 जुलाई 2014 को हुई थी। लोधा क्षेत्र के गांव बरौठ छजमल के बैंक कर्मचारी दिलीप कुमार (हाल निवासी सारसौल) ने थाना बन्नादेवी में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें कहा था कि उनकी बहन सीमा की शादी घटना से 15 वर्ष पहले बुलंदशहर के कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव हरतौली के मनोज कुमार सिंह से हुई थी।

    सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद मनोज केवल विहार कालोनी स्थित अपने बहनोई के मकान में परिवार के साथ किराये पर रहता था। मेरठ में प्राइवेट नौकरी करता था। महीने में एक-दो बार अलीगढ़ आता था। घटना वाले दिन दोपहर ढाई बजे मनोज ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर व राइफल से बहन सीमा, भांजा मानवेंद्र सिंह व भांजी को गोली मार दी।

    इसे भी पढ़ें- परफार्मेंस ग्रांट में घोटाला: बिना काम कराए 40 लाख का भुगतान, CM तक पहुंची शिकायत

    सीमा व मानवेंद्र की मौके पर ही मृत्यु हो गई। फायरिंग की आवाज सुनकर पास में रह रहीं किरायेदार शशिबाला पत्नी किशनपाल सिंह बचाने आईं तो मनोज ने उनकी भी गोली मारकर हत्या कर दी। भांजी को गंभीर हालत में जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था।

    तीन हत्याएं कर भाग रहे मनोज को लोगों ने हथियारों के साथ पकड़ लिया था। मनोज छोटी-छोटी बातों पर पत्नी व बच्चों से मारपीट करता था। इसकी शिकायत उससे व उसके पिता से की थी। काफी समझाने के बाद भी वह बाज नहीं आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, तभी से वह जेल में है।

    इसे भी पढ़ें- यूपी के इस शहर में सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की जब्त होगी संपत्ति, 10 दिन में दाखिल होगी चार्जशीट

    पुलिस ने उसके विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर 16 जनवरी को मनोज को दोषी करार दिया था। शनिवार को अदालत ने इसे विरल से विरलतम अपराध मानते हुए दोषी को मृत्युदंड की सजा सुनाई।