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    Garbage Disposal : रंग लाई प्रधान की कोशिश, घर का कचड़ा बना किसानों के लिए वरदान

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jul 2022 12:14 PM (IST)

    जिस कचड़े को हम इधर उधर फेंक देते हैं वो वास्‍तव में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। अलीगढ़ में कचड़े से अब जैविक खाद तैयार हो रहे हैं तो किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। इसे जल्‍द ही बेचने की भी तैयारी है।

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    Clean India Mission के तहत अब ओडीएफ प्लस गांव तैयार किए जा रहे हैं।

    सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : Garbage Disposal : कोई भी चीज बेकार की नहीं होती। जिस कचरे को आप फेंक देते हैं, वह भी बड़े काम का है। टप्पल ब्लाक की भरतपुर पंचायत में अब कोई कचरा सड़क पर नहीं फेंकता है। ग्राम पंचायत ने मना कर रखा है। इस कचरे से खाद बनाई जा रही है। हर रोज ग्राम पंचायत की टीम घरों से गीला और सूखा कचरा एकत्रित करती है। प्रधान नीलम देवी की पिछले तीन माह की कोशिश अब रंग ला रही है। waste disposal center स्थापित किया जा चुका है। इसमें पहली बार 36 कुंतल जैविक खाद तैयार किया गया है, जो कि किसानों को मुफ्त वितरित किया जा रहा है। जल्द बेचने की योजना है।

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    तैयार हो रहे ओडीएफ प्‍लस गांव

    Clean India Mission के तहत अब ओडीएफ प्लस गांव तैयार किए जा रहे हैं। योजना के अनुसार गीला व सूखे कूड़े के निस्तारण की स्थाई व्यवस्था की जानी है। जिले की 867 में से 100 ग्राम पंचायतों में काम चल रहा है। पंचायती राज विभाग के साथ अभियान के सहयोगी यूनिसेफ ने छह महीने पहले भरतपुर ग्राम पंचायत को गोद लेकर मंडल में सबसे पहले ODF Plus Village बनाने का निर्णय लिया था।

    साढ़े चार लाख रुपये का विशेष बजट

    इसके लिए साढ़े चार लाख रुपये का special budget released किया। अब काम पूरा हो गया है। गांव में हैंडवाश यूनिट लगाई गई है। जल स्तर बढ़ाने के लिए सोकपिट बनाए गए हैं। गीले व सूखे कचरे को गांव के बाहर कचरा प्रबंधन केंद्र लाया जाता है। यहां बने आठ डंपिंग यार्ड में रखा जाता है। इसका नाडेप विधि से कूड़े का निस्तारण होता है। करीब तीन महीने में यह कूड़ा डी-कंपोज होता है। इससे बाद यह खाद के रूप में तैयार होता है। इसमें सफलता के साथ भरतपुर पंचायत कूड़ा निस्तारण के लिए मंडल भर में माडल बन चुकी है।

    तीन बाक्स होते हैं तैयार

    ग्राम पंचायत में प्रतिदिन करीब चार ई-रिक्शा कूड़ा निकलता है। तीन महीने में इस कूड़े से तीन बाक्स खाद बनता है। एक बाक्स से करीब 30 बोरे खाद होता है। 40 किलो का एक बोरा होता है। एक बाक्स में 12 कुंतल खाद बनता है।

    26 को लगेगी चौपाल

    भरतपुर पंचायत में 26 जुलाई को मंडलायुक्त गौरव दयाल की अध्यक्षता में एक चौपाल प्रस्तावित की गई है। इसमें डीएम, सीडीओ समेत अन्य अफसर भी शामिल होंगे। अलीगढ़ के साथ ही एटा, कासगंज व हाथरस के लोगों को भी बुलाया गया। इस चौपाल में जन सुनवाई के साथ ही पंचायत द्वारा तैयार किए गए जैविक खाद का अवलोकन किया जाएगा।

    इनका कहना है

    गांव में 2018 से ही डोर टू डोर कूड़े का एकत्रीकरण किया जा रहा है। अब कुछ दिन पहले यूनिसेफ के माध्यम से इस कूड़े से खाद तैयार करने पर काम शुरू किया गया।

    - नीलम देवी, प्रधान

    भरतपुर पंचायत में मंडल में सबसे पहले कूड़े से जैविक खाद तैयार किया गया है। यह गांव अब अन्य पंचायतों के लिए कूड़ा निस्तारण में मिसाल बन गया है।

    - धनंजय जायसवाल, डीपीआरओ

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