रमजान : चांद के दीदार के साथ इबादत का दौर शुरू, होगी रहमतों की बारिशAligarh News
चांद का दीदार होते ही इबादत का दौर शुरू हो गया। लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का पालन कर लोगों ने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा की जिसमें कोरोना से इस देश को बचाने की दुआ भी मांगी गई
अलीगढ़[जेएनएन]: चांद का दीदार होते ही इबादत का दौर शुरू हो गया। लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का पालन कर लोगों ने घरों में ही तरावीह की नमाज अदा की, जिसमें कोरोना से इस देश को बचाने की दुआ भी मांगी गई। फोन, वाट्सएप व अन्य सोशल मीडिया माध्यम से 'चांद मुबारक' की शुभकामनाओं का देररात तक दौर चला।
अल्लाह के लिए रोजे रखेंगे
हर साल रमजान का चांद देखते ही लोगों की आंखों में एक खास किस्म की चमक और चेहरे पर नूर होता है, वो इस बार भी दिखा, लेकिन अबके बरस ईमान वालों की आंखों में उदासी भी झलक रही थी, लोग दिलों के जज्बात को खुलकर बयां कर रहे थे। उनके दिलों में ये कसक थी कि जिस अल्लाह के लिए रोजे रखेंगे, उसके ही घर में हाजरी नहीं हो पाएगी। यही वजह थी कि लोगों ने घर पर तरावीह की नमाज में अल्लाह से दुआ मांगी कि 'या अल्लाह अपनी रहमत के सदके में कोरोना जैसी जहमत से देश को जल्द से जल्द आजाद कर देÓ। महिलाओं ने भी तरावीह की नमाज अदा की और उसके बाद पहले रोजे की तैयारी में जुट गईं।
सेहरी, इफ्तार में बरतें एहतियात
32 साल बाद अप्रैल और मई में रोजा पड़ा है। चंूकि, रोजा लंबा होगा और मौसम भी गर्म है, इसलिए सेहरी और इफ्तार में खास एहतियात के साथ तैयारियां की जाएंगी।
हल्के खाने से करें इफ्तार की शुरुआत
डायटीशियन व मास्टर्स ऑफ फीजियोथेरेपिस्ट डॉ. अरीबा कहती हैं की इफ्तार की शुरुआत हल्के खाने से करें। खजूर से इफ्तार करना बेहतर माना गया है। इफ्तार में पानी, सलाद, फल, जूस और सूप ज्यादा लें। इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी। वहीं, ज्यादा तला, मसालेदार न खाएं और सेहरी में बहुत मीठा खाने से परहेज करें। क्योंकि, ऐसे खाने से प्यास ज्यादा लगती है। सहरी में दूध, ब्राउन ब्रैड, ड्राईफ्रूट, फल सेहत के लिए बेहतर होता है।
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