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    Property tax: नगर निगम राहत की प्रतीक्षा में फंसा राजस्व,ऐसे फेल हुई अफसरों की रणनीति

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Sat, 03 Sep 2022 11:41 AM (IST)

    संपत्ति कर पर एरियर लगाकर नगर निगम का राजस्व बढ़ाने की कूटनीति पर ग्रहण लग गया है। बोर्ड में पारित एक प्रस्ताव ने एरियर तो हटाया ही संपत्ति कर जमा करने पर 20 प्रतिशत की छूट भी दिला दी। ये छूट तब मिलेगी जब बिल अपडेट हों।

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    संपत्ति कर जमा करने पर 20 प्रतिशत की छूट भी दिला दी।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Property tax पर एरियर लगाकर नगर निगम का राजस्व बढ़ाने की कूटनीति पर ग्रहण लग गया है। बोर्ड में पारित एक प्रस्ताव ने एरियर तो हटाया ही, संपत्ति कर जमा करने पर 20 प्रतिशत की छूट भी दिला दी। ये छूट तब मिलेगी, जब बिल अपडेट हों। इसके लिए साफ्टवेयर में संशोधन करना है, इसमें समय लगेगा। 20 प्रतिशत की राहत मिलने की प्रतीक्षा कर रहे करदाता संपत्ति कर जमा नहीं कर रहे हैं। संपत्ति कर Property tax पर लोकेश शर्मा की रिपोर्ट...

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    बैकपुट पर आया नगर निगम

    नगर निगम ने 2017 में संपत्ति कर की दरें तो बढ़ा दीं, लेकिन वसूली नहीं कर सका। पांच साल बाद निगम ने संपत्ति कर पर एरियर लगाकर बिल जारी कर दिए। विरोध होना ही था। आम करदाता के अलावा व्यापारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों ने भी कड़ी आपत्ति की। बोर्ड अधिवेशन में एरियर समाप्त करने का प्रस्ताव पास करना अफसरों की मजबूरी बन गई। इसमें 20 प्रतिशत छूट की मांग भी थी। प्रस्ताव पास होते ही करदाताओं ने सेवाभवन से दूरी बना ली।

    राजस्व में होगा इजाफा

    30 हजार करदाता सर्वे के बाद 70 वार्डों में बढ़े।

    56 हजार करदाता विस्तारित सीमा में बढ़े।

    2.15 लाख के करीब पहुंची करदाताओं की संख्या।

    30 करोड़ रुपये बढ़ेगा राजस्व।

    60 करोड़ रुपये से अधिक तय होगा लक्ष्य।

    हर वर्ष तय होते लक्ष्य

    33.54 करोड़ रुपये गृहकर

    10.16 करोड़ रुपये जलकर

    5.62 करोड़ रुपये ड्रेनेज कर

    30.67 करोड़ रुपये जल मूल्य

    8 करोड़ रुपये यूजर चार्ज

    2 करोड़ रुपये विज्ञापन फीस

    2 करोड़ रुपये स्काई टावर आवासीय योजना

    1 करोड़ रुपये आवास, दुकान व पार्किंग किराया

    75 लाख रुपये प्रीमियम दुकान/कांप्लेक्स

    50 लाख रुपये कंपाउंड फीस

    50 लाख रुपये रोड कटिंग

    40 लाख रुपये नामांकरण शुल्क

    35.68 लाख रुपये सीवर चार्ज

    35 लाख रुपये वाणिज्य लाइसेंस शुल्क

    30 लाख रुपये फेरी नीति

    संपत्ति कर की दरें नियमानुसार बढ़ाई गई हैं। करदाता बढ़ाई गई दरों के साथ बिल जमा भी कर रहे हैं। इससे राजस्व बढ़ेगा, जो विकास कार्यों में लगाया जाएगा।

    गौरांग राठी, नगर आयुक्त