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    टप्पल जमीन फर्जीवाड़े में 838 लोगों के खिलाफ मुकदमे की तैयारी Aligarh news

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Tue, 16 Mar 2021 06:49 AM (IST)

    नोएडा सीमा से सटे खैर तहसील की टप्पल ग्राम पंचायत में 110 हेक्टेयर सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा के पर्दाफाश के बाद अब 838 लोगों के खिलाफ मुकदमे की तैयारी हो गई है। एसडीएम कोर्ट से इन सभी के खिलाफ अलग अलग आदेश जारी किए जा रहे हैं।

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    टप्पल ग्राम पंचायत में 110 हेक्टेयर सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा में 838 लोगों के खिलाफ मुकदमे की तैयारी हो गई।

    सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ : नोएडा सीमा से सटे खैर तहसील की टप्पल ग्राम पंचायत में 110 हेक्टेयर सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा के पर्दाफाश के बाद अब 838 लोगों के खिलाफ मुकदमे की तैयारी हो गई है। एसडीएम कोर्ट से इन सभी के खिलाफ अलग अलग आदेश जारी किए जा रहे हैं। 200 आदेश बन चुके हैं। इन आदेशों के आधार पर संबंधित लोगों के नाम खतौनियों से निरस्त करते हुए मुकदमा दर्ज होगा।  प्रशासन जमीन भी कब्जे में लेगा।

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    2627 हेक्‍टेयर का रकबा

    जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर स्थित टप्पल पंचायत का कुल 2627 हेक्टेयर रकबा है। राजस्व रिकार्ड के मुताबिक इसमें 647 हेक्टेयर जमीन सरकारी है। यह जमीन ऊसर, बंजर, नवीन परती समेत अन्य श्रेणियों की है। इस जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत पिछले दिनों डीएम से हुई थी।  एसडीएम खैर अंजनी कुमार सिंह ने इसकी जांच की तब पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। एसडीएम के मुताबिक, जांच में काफी अनियमिताएं मिली। डेढ़ हजार से अधिक लोगों का राजस्व रिकार्ड में कोई प्रमाण ही नहीं है, जबकि इन लोगों ने करीब 110 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर रखा है। अभिलेखों में हेरफेर कर इन लोगों के नाम गलत तरीके से खतौनियों में भी दर्ज हुए हैैं। इनमें से कुछ लोगों ने जमीन की बिक्री भी कर दी। अब करीब 838 लोगों के नाम यह जमीन दर्ज है। 

    सभी के आदेश निरस्त

    एसडीएम कोर्ट से इन सभी 838 लोगों के नाम खतौनी से हटा दिए गए है। वहीं, इन सभी लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाने की तैयारी हो गई है। सभी के खिलाफ अलग-अलग आदेश बन रहे हैं। जिससे अगर यह लोग कोर्ट में भी जाएं तो एक आदेश को आधार न बनाया जाए। एसडीएम के मुताबिक मुकदमे के आदेश जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। करीब 200 से अधिक मुकदमे के आदेश बन चुके हैं। आदेश बनते ही, मुकदमा दर्ज हो जाएगा। 

    चकबंदी के बाद हुआ खेल   

    जांच अधिकारी के मुताबिक 2000 से 2002 के बीच टप्पल में चकबंदी की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस दौरान कुछ सरकारी जमीनों के पट्टे भी आवंटित किए गए थे, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते चकबंदी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। ऐसे में यहां नए सिरे से खतौनी तैयार की गईं। इसमें बिना आवंटन व प्रमाण के ही करीब डेढ़ हजार लोगों के फर्जी नाम बढ़ा दिए गए। तहसीलों के पुराने रिकार्ड में भी इनकी कोई पुष्टि नहीं होती है। 

    300 करोड़ है कीमत 

    टप्पल नोएडा से सटी हुई ग्राम पंचायत है। यमुना एक्सप्रेस वे भी यहीं से होकर गुजर रहा है। इसकी चलते यहां की जमीन की कीमत अधिक है। औसतन 20 लाख रुपये प्रति बीघा सर्किल रेट हैं। ऐसे में 110 हेक्टेयर जमीन की कीमत 300 करोड़ से ज्यादा है। 

    इनका कहना है

    प्रशासन सरकारी जमीनों को कब्जा मुक्त कराने को लेकर संवेदनशील है। पिछले दिनों शिकायत के बाद एसडीएम से पूरे मामले की जांच कराई। इसमें बड़ी स्तर पर फर्जीवाड़ा मिला है। एसडीएम को संबंधित सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जमीन कब्ता मुक्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।  

    चंद्रभूषण सिंह, डीएम