तो देने होंगे हजार रुपये महीने
पंजाबी मार्केट और रामलीला मैदान की दुकानों का किराया अभी तक सबसे कम है। पंजाबी मार्केट के दुकानदार 128 रुपये और रामलीला मैदान के दुकानदार 256 रुपये वार्षिक की दर से किराया देते हैं। दोनों बाजार शहर के प्रमुख बाजारों में से हैं। पंजाबी मार्केट में 82 और रामलीला मैदान में नगर पालिका की 26 दुकानें हैं। बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पास हो चुका है। सिर्फ गजट का प्रकाशन बाकी है। दोनों बाजारों की 108 दुकानों के किराये में सबसे ज्यादा वृद्धि करते हुए किराये को करीब 12 हजार रुपये वार्षिक किया गया है। इससे साफ है कि यहां के दुकानदारों को अब एक हजार रुपये महीने की दर से किराया देना होगा।
न्यूनतम किराया 500 रुपये महीने
नगर पालिका ने दुकानों का किराया बढ़ाने के बाद न्यूनतम किराया तय कर दिया है। कई जगह किराये की दर कम रखी गई है लेकिन वहां भी न्यूनतम 500 रुपये महीने या छह हजार रुपये सालाना चुकाने होंगे। करबला रोड, सासनी गेट होली वाली गली, घंटाघर व मुरसान गेट, सादाबाद गेट कौंजड़ान गली व चामड़ गेट पर मौजूद नगर पालिका की दुकानों का किराया छह हजार रुपये वार्षिक तय किया गया है।
दुकान बेचने पर बढ़ेगा 50 फीसद किराया
नगर पालिका ने किराया वृद्धि के नियमों में संशोधन किया है। अब तय समय पर किराए की वृद्धि होगी। हर पांच साल बाद 12.5 फीसद किराया बढ़ाया जाएगा। 15 साल बाद 50 फीसद से ज्यादा किराया वृद्धि करनी होगी। यही नहीं नगर पालिका की दुकान बेचने या नाम परिवर्तन कराने पर भी किराये में 50 फीसद की वृद्धि करनी होगी। किराये की नई दरों और नियमों से नगर पालिका की आमदनी में हर साल लाखों का इजाफा होगा।
कहां कितना होगा किराया
नगर पालिका मार्केट, दुकान संख्या, न्यूनतम किराया (सालाना)
राजा महेंद्र प्रताप मार्केट, 30, 9600
पालिका बाजार, 29, 9600
करबला रोड-1, 08, 6000
करबला रोड-2, 11, 6000
रामलीला मैदान, 26, 12000
पंजाबी मार्केट, 82, 12000
होली वाली गली, सासनी गेट, 17, 6000
घंटाघर व मुरसान गेट, 17, 6000
सादाबाद गेट, कौंजड़ान गली, 31, 6000
चामड़ गेट, 5, 6000
चैक दौलत, नयागंज बारहद्वारी, 71, 9600
नई दरों से होगी वसूली
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी स्वदेश आर्य का कहना है कि नगर पालिका किराये की नई दरों को जल्द लागू करेगा। गजट प्रकाशित होने के बाद नई दरों से किराया वसूल किया जाएगा। यह दरें न्यूनतम हैं और नगर पालिका प्रशासन को इससे ज्यादा किराया भी ले सकता है।