राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम : जन्मजात टेढ़े -मेढ़े पैर वाले बच्चों का इलाज अलीगढ़ मे संभव
न्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों के उपचार को अब शहर से बाहर उच्च चिकित्सा केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। उनका दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में ही उपचार हो सकेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को क्लब फुट शिविर में विशेषज्ञों ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जन्मजात टेढ़े-मेढ़े पैर (क्लब फुट) वाले बच्चों के उपचार को अब शहर से बाहर उच्च चिकित्सा केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। उनका दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में ही उपचार हो सकेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को क्लब फुट शिविर में विशेषज्ञों ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। काफी माता-पिता अपने बच्चों को लेकर पहुंचे, जिनका उपचार शुरू किया गया।
जन्म के बाद से उपचार मिले तो बच्चा जल्द ठीक हो सकता है
आर्थोपेडिक सर्जन डा. एसके वार्ष्णेय ने बताया कि अनुवांशिक कारणों के अलावा अधिक स्टेरायड दवा का इस्तेमाल, खून की कमी या जुड़वा बच्चे होने पर कई बार गर्भ में नवजात के पैरों का सामान्य विकास नहीं हो पाता। इसकी वजह से पैर टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को जन्म के तुरंत बाद पहचाना जा सकता है। जन्म के बाद तुरंत उपचार शुरू कर दिया जाए तो समस्या ठीक हो जाती है।
प्लास्टर या सर्जरी से होता है उपचार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआइसी) मैनेजर मुनाजिर हुसैन ने बताया कि यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें जल्दी पहचाना जाए। करीब 50 फीसद मामलों में ऐसा टेढ़ा-पन दोनों पैरों में होता है। प्लास्टर या सर्जरी से इसका उपचार किया जाता है। प्रोग्राम आफिसर डा. मोहम्मद जिशान ने कहा कि यह एक प्रकार का जन्म दोष है। अर्बन हेल्थ कोआर्डिनेटर अकबर खान आदि उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय कार्यशाला में किया मार्गदर्शन
अलीगढ़ । एएमयू के डा. जेडए डेंटल कालेज के प्रोस्थोडान्टिक्स विभाग के चिकित्सक डा. पंकज खराडे ने चेन्नई में 49वें इंडियन प्रोस्थोडान्टिक्स सोसायटी नेशनल कांफ्रेंस में पोस्ट सर्जिकल ओरल डिफेक्ट्स के प्रोस्थेटिक रिहेबिलिटेशन विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का मार्गदर्शन किया। जहां उन्होंने फाइबुलर फ्री फ्लैप सर्जरी, मैंडिबुलर अमेलोब्लास्टोमा रिसेक्शन और अन्य विषयों के बीच मैक्सिलरी दोषों के मामलों में विभिन्न कृत्रिम पुनर्वासों को चित्रित किया।
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