अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम ने निकाली अचूक तरकीब, अब मनमानी करने वाले दुकानदारों के घर पहुंच जाएगा चालान
नगर निगम ने शहर के प्रमुख मार्गों-बाजारों से अतिक्रमण हटाने का नया तरीका अपनाया। टीम मौके पर नहीं जाएगी, विरोध या सिफारिश नहीं चलेगी। अतिक्रमण वाले स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे, चिह्नित अतिक्रमणकर्ताओं को जुर्माना नोटिस भेजा जाएगा। दुकानों के बाहर गंदगी फैलाने वालों पर भी यही कार्रवाई।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। नगर निगम की ओर से शहर के प्रमुख मार्गों व बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करने की दिशा में नया कदम उठाया गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों की टीम व प्रवर्तन दल मौके पर नहीं जाएंगे, न ही दुकानदार विरोध प्रदर्शन कर पाएंगे। सिफारिशें भी नहीं चल पाएंगी। नगर निगम शहर में अतिक्रमण वाले स्थान पर कैमरा लगा रहा है। इनसे अतिक्रमणकर्ताओं को चिह्नित कर उनके पास जुर्माने का कागज पहुंच जाएगा। यही कार्रवाई दुकान के बाहर गंदगी फैलाने वालों पर होगी।
नगर निगम की ओर से हैबिटेट सेंटर में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) का कार्यालय स्थानांतरित किया गया है। स्थानांतरण के साथ हीं यहां सुविधाओं व आधुनिकता का समावेश भी किया जा रहा है। डेटा स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। नगर निगम शहर के प्रमुख बाजारों व मुख्य मार्गों को गंदगी व अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए आइसीसीसी का सहारा ले रहा है। उदाहरण के तौर पर किसी बाजार में दुकानदार ने काउंटर सड़क पर लगाया या एसेसरीज़ के दुकान संचालक ने प्लास्टिक या अन्य कचरा सड़क व नाली पर फेंका तो वहां लगा कैमरा आइसीसीसी में सब हरकत दिखाएगा।
पहुंच जाएगा जुर्माना
उससे गंदगी व अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों को चिह्नित कर जुर्माने का कागज पहुंच जाएगा। वीडियो रिकार्डिंग को साक्ष्य के तौर पर रखा जाएगा। अलीगढ़ शहर को स्वच्छ व जाम मुक्त बनाने के लिए ये कदम नगर आयुक्त स्तर से उठाया गया है। उन्होंने सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह को निर्देश दिए हैं कि एक हफ्ते में अत्यधिक अतिक्रमण व गंदगी फैलाने वाले प्रमुख बाजारों व मुख्य मार्गों को चिह्नित कर रिपोर्ट पेश की जाए, जिससे उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कहीं कोई सीसीटीवी कैमरा पहले से लगा है तो उसको आइसीसीसी से जोड़ दिया जाएगा।
बाजारों व मार्गों को कचरा व अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए सीसीटीवी के उपयोग का निर्णय किया गया है। ये प्रक्रिया अधिक खर्चीली भी नहीं है। आइसीसीसी से निगरानी की जाएगी। गड़बड़ी करने वालों के स्वत: चालान कटकर प्रतिष्ठान पर पहुंचेंगे। सहायक नगर आयुक्त को एक हफ्ते में ऐसे स्थानों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। - प्रेम प्रकाश मीणा, नगर आयुक्त

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