Monsoon 2022: कौन सी फसल के लिए लाभकारी है बारिश, किसको पहुंचाया नुकसान, पढ़ें विस्तृत खबर
Monsoon 2022 आखिरकार मानसून मेहरबान हो ही गए। पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। भले ही यह बारिश सुबह शाम या फिर रात में ही क्यों ही नहीं हो रही हो? इस बारिश से सभी को राहत मिली है।

हाथरस, जागरण संवाददाता। आखिरकार मानसून मेहरबान हो ही गए। पिछले कई दिनों से बारिश हो रही है। भले ही यह बारिश सुबह, शाम या फिर रात में ही क्यों ही नहीं हो रही हो? इस बारिश से सभी को राहत मिली है। वहीं धान व बाजरा की फसल के लिए तो यह बारिश वरदान बन गई है। बारिश के चलते किसानों के चेहरों पर रौनक दिखने लगी है। इससे किसानों को फसलों की सिंचाई करने से फिलहाल मुक्ति मिल गई है।
फसलों के लिए लाभकारी है बारिश
Sawan month बिना बारिश के जाए, यह मुमकिन ही नहीं। इस बार बारिश के लिए काफी इंतजार करना पड़ा है। यह बारिश जुलाई माह से पहले ही शुरू हो जाती थी। इस बार जुलाई के अंत में ही मानसून ने दस्तक दी है। बारिश बुधवार से पड़ना शुरू हो गई थी। कभी सुबह तो कभी दोपहर व शाम में बारिश हो रही है। गुरुवार व शुक्रवार की रात में कई बारिश हुई। बारिश से सभी को राहत मिली है। भीषण गर्मी से परेशान लोग भी बारिश से खुश दिख रहे हैं। इससे तापमान में भी गिरावट आई है। इस बारिश से धान व बाजरा के अलावा ज्वार, अरहर, उर्द, मूंग व हरी सब्जियों की फसल को लाभ हुआ है।
बारिश से धान व बाजरा की फसलों में आई
धान की फसलों की रोपाई चल रही थी। यह रोपाई मई के बाद ही शुरू हो गई थी। बारिश का इंतजार करते करते कुछ किसानों ने सिंचाई कर धान की रोपाई कर दी थी। यही हाल बाजरा फसल के साथ भी हुआ। बारिश नहीं होने से यह फसलें सूखने लगीं। सिंचाई करते-करते किसान परेशान थे। अब मानसूनी बारिश शुरू होने से धान व बाजरा की फसलों में जान आ गई है।
किसानों के चेहरों पर दिख रही रौनक
Monsoon मानसूनी बारिश चारों ओर हरियाली दिख रही है। चारे का संकट भी खत्म हो गया है। बारिश से ज्वार, मक्का के अलावा तोरई, लोकी, भिंडी, बेगन सहित सब्जियों की फसलों को भी लाभ हुआ है। इन फसलों में पैदावार भी बढ़ गई है। वहीं धान व बाजरा की अधिकतर फसल मानसूनी बारिश से ही तैयार हो जाएगी। बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक दिख रही है।
पिछली साल से औसत से अधिक हुई थी बारिश
बारिश के लिए तरस रहे किसानों को अब राहत मिली है। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि दस दिन पहले हुई बारिश दो दिन बारिश हुई थी। जो करीब 348 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अब दो-तीन दिन में करीब 100 मिमी. बारिश होने का अनुमान है। जिले में बारिश का अौसत 680 मिमी. रहा है। पिछले वर्ष 720 मिमी. बारिश औसत से अधिक हुई थी। इस बार बारिश अच्छी रहने की संभावना है।
जिले में खरीफ की फसलें 90 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में होती है। जो इस प्रकार से है-
फसल, हेक्टेयर में फसल का रकबा
बाजरा, 48,000
धान, 22500
मक्का, 350
अरहर, 6000
उर्द, 350
मूंग, 250
हरी सब्जियां, 10,000
फसलों के लिए समय पर हुई बारिश लाभदायक होती है। इस समय बाजरा व धान की फसलें बारिश के लिए तरस रही थीं। बारिश होने से उन्हें जीवनदान मिला है।
- भोले, किसान
इस समय खरीफ की फसलें उगाई जा रही हैं। इनमें अरहर, मूंग, उर्द की फसलें शामिल हैं। बारिश होने से फसलों को सूखने से बच गई हैं। अधिक बारिश होने पर फसलों को नुकसान है।
- दिनेश कुमार, किसान
जिले में सबसे अधिक फसल बाजरा व धान की होती है। अगैती बुवाई होने से फसलें सूख गई थीं। धान की फसलों में किसान सिंचाई करते-करते परेशान थे। अब उन्हें राहत मिली है।
- घनश्याम, किसान
बारिश से हरी सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हो रहा था। इस बारिश से सभी फसलों को लाभ हुआ है। मानसून इस बार देरी से पहुंचा है। उम्मीद के मुताबिक बारिश होने संभावना बनी हुई है।
- अमित, किसान
फसलों के लिए बारिश किसी जीवनदान से कम नहीं है। इस बार बारिश देरी से हुई है। इस बारिश से धान व बाजरा सहित सभी फसलों को लाभ होगा। इससे सिंचाई का खर्चा भी किसानों का कम हो जाएगा।
- हंसराज सिंह, कृषि उपनिदेशक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।