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    सुहागिनें लेने चलीं विधवा पेंशन... पुनर्विवाह के बाद भी उठाया लाभ, अलीगढ़ में चौंकाने वाला खुलासा

    By SURJEET KUMAREdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sat, 22 Nov 2025 01:08 PM (IST)

    अलीगढ़ में विधवा पेंशन योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कई महिलाओं ने पुनर्विवाह के बाद भी खुद को विधवा बताकर पेंशन लेने की कोशिश की। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सत्यापन में यह खुलासा हुआ। विभाग ने अपात्र महिलाओं के आवेदनों को रद्द कर दिया है और पेंशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़! विधवा (निराश्रित) पेंशन योजना के नाम पर बड़ा खेल सामने आया है। पात्रता की शर्तों को दरकिनार कर कई महिलाएं फर्जीवाड़े कर सरकारी सहायता हड़पने की तैयारी में थीं। मामला तब उजागर हुआ, जब महिला व बाल कल्याण विभाग ने इस वर्ष प्राप्त आवेदनों का गहन सत्यापन कराया।

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    जांच में पता चला कि कई महिलाएं पति की मृत्यु के बाद पुनर्विवाह कर चुकी थीं, फिर भी खुद को विधवा बताकर एक हजार रुपये महीने की पेंशन लेने का प्रयास कर रही थीं। सबसे चौकाने वाला मामला अतरौली ब्लाक के धौर्रा प्रेमनगर की महिला का सामने आया।

    इस वर्ष के 4027 आवेदनों में से 234 महिलाएं निकलीं अपात्र 

    कुछ महीने पहले इनके पति की मृत्यु हो गई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद पुनर्विवाह कर लिया। सामान्य सुहागिन की तरह जीवन जीने लगीं। मगर, सरकारी दस्तावेज़ों में पुनर्विवाह की जानकारी छिपाते हुए विधवा पेंशन के लिए आवेदन कर दिया। सत्यापन में राज खुल गया। आवेदन निरस्त कर दिया गया।

    शहर के किशनपुर, जमालपुर समेत अन्य क्षेत्रों के भी कई मामले हैं। जिला महिला व बाल कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल से 31 अक्टूबर के बीच जिले में 4261 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 4027 महिलाएं पात्र पाई गईं। 234 आवेदक अपात्र निकले। इनमें बड़ी संख्या उन महिलाओं की है, जिन्होंने पुनर्विवाह के बावजूद स्वयं को विधवा बताते हुए लाभ लेने की कोशिश की। विभाग ने संबंधित ब्लाकों व निकायों से मिली रिपोर्ट के आधार पर सभी अपात्र आवेदनों को रद कर दिया है। वार्षिक सत्यापन में भी कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।

    32 महिलाएं तो पुनर्विवाह के बाद भी उठा रही थीं योजना का लाभ

    जिले में 61,883 महिला लाभार्थी पेंशन ले रही हैं। हाल ही में इन सभी का घर–घर सर्वे कराया गया। विशेष टीमों ने गांवों व शहरी क्षेत्रों में गहन जांच की। पता चला कि 161 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पति जीवित हैं या वे किसी अन्य कारण से पात्रता में नहीं आतीं, फिर भी पेंशन ले रही थीं। 32 महिलाएं पुनर्विवाह के बाद भी योजना का लाभ उठा रही थीं। विभाग ने तत्काल सभी अपात्रों का पेंशन भुगतान रोककर सूची से बाहर कर दिया है। इनकी जगह पात्र लाभार्थियों को शामिल किया गया है।

    यह है योजना

    विधवा पेंशन योजना उन जरूरतमंद महिलाओं के लिए संचालित है, जिनके पति की मृत्यु हो चुकी हो। जिन महिलाओं पर कोई स्थायी सहारा नहीं है। योजना के अनुसार आवेदक महिला उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए। उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो, वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम हो तथा वह किसी अन्य सरकारी पेंशन योजना की लाभार्थी न हो। पात्र महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे तीन–तीन महीने के अंतराल पर सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाता है।

     

     

    हर वर्ष विधवा पेंशन लाभार्थियों का शत–प्रतिशत सत्यापन कराया जाता है। अपात्र पाए जाने पर नाम हटाए जाते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन व पुनर्विवाह के मामले सामने आए हैं। विभाग पेंशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए और कड़ी निगरानी कर रहा है। अजीत चौधरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी