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    Dev Uthani Ekadashi 2022 : चार माह बाद आज जागेंगे भगवान विष्‍णु, कल से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

    By Jagran NewsEdited By: Anil Kushwaha
    Updated: Fri, 04 Nov 2022 04:11 PM (IST)

    Dev Uthani Ekadashi 2022 आज पूरे देश में देवोत्थान एकादशी मनायी जा रही है। आज घरों और मंदिरों में पूजन होगा। कल से गृह प्रवेश विवाह मुंडन संस्कार सहित सभी शुभ कार्य होंगे आरंभ। आज के दिन पूजा करने का महत्‍व और बढ़ जाता है।

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    आज पूरे देश में देवोत्थान एकादशी मनायी जा रही है।

    अलीगढ़, जेएनएन। Dev Uthani Ekadashi : आज पूरे देश में देवोत्थान एकादशी मनायी जा रही है। मान्‍यता है कि आज भगवान श्री विष्णु लगभग 117 दिन बाद योग निद्रा से जागेंगे। इसके साथ ही मुंडन, गृह प्रवेश और विवाह सहित सभी शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। देवोत्थान एकादशी पर घरों और मंदिरों में भगवान विष्णु की उपासना की जाएगी, साथ ही शालिग्राम-तुलसी विवाह की मान्यता के अनुसार भी विधि विधान से पूजन किया जाएगा।

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    क्‍या कहते हैं ज्‍योतिषाचार्य

    स्‍वामी पूर्णानंद पुरी महाराज ने बताया कि देव उठनी (देवोत्थान) एकादशी शुक्रवार को मनाई जाएगी। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री विष्णु का शयन काल समाप्त हो जाता है। इसके पश्चात विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे।

    भगवान विष्‍णु समेत सभी देवी देवताओं का करें पूजन

    उन्होंने बताया कि देवोत्थान एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु की प्रतिमा के समक्ष शंख और घंटियां बजाकर उनके जागने का आह्वान श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है। घर के बाहर और पूजा स्थल पर दीपक जलाने चाहिए। भगवान हरि को लड्डू और गन्ना, सिंघाड़ा जैसे मौसमी फल अर्पित करने चाहिए। एकादशी की रात घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु समेत सभी देव देवताओं का पूजन करें।

    ये हैं शुभ मुहूर्त

    नवंबर -- 25, 26,28 एवं 29

    दिसंबर -- 1, 2, 3, 4, 7, 8, 9 एवं 14

    जनवरी 2023-- 15, 18, 20, 22, 24, 25, 26, 27, 28 व 30

    फरवरी -- 4, 6, 7, 9, 10,12, 13, 14, 16, 17,18, 22, 23, 24, 27 एवं 28

    मार्च -- 1, 6, 8, 9 एवं 13

    तुलसी विवाह 5 नवंबर को

    स्‍वामी ने बताया कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में देवोत्थान एकादशी तीन नवंबर को शाम 7.30 बजे आरंभ हो चुकी है, जो 4 नवंबर को शाम 6 बजे तक रहेगी। इसलिए देवोत्थान एकादशी 4 नवंबर को ही मनाई जाएगी। इस बार तुलसी विवाह 5 नवंबर को है। इसी अबूझ मुहूर्त में विवाह और मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। इस बार देवउठनी एकादशी 4 नवंबर के दिन सूर्य की स्थिति विवाह कार्य के लिए उचित न होने से कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।

    इस माह शादी के मात्र चार शुभ मुहूर्त

    इस दौरान सूर्य वृश्चिक राशि में न होने के कारण इस दिन विवाह का कोई मुहूर्त नहीं है। हालांकि इस माह शादी के मात्र चार ही शुभ मुहूर्त हैं, जब वैवाहिक कार्य संपन्न होंगे। इसके बाद दिसंबर में शादी के कुल पांच मुहूर्त हैं।

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