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    lockdown 2: बुलंदशहर में मारे गए साधु अलीगढ़ के हैं निवासी, संतो में गुस्‍सा

    महाराष्ट्र के पालघर के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई दो साधुओं की हत्या से अलीगढ़ के लोगों में गुस्सा है। दोनों साधु अलीगढ़ के रहने वाले थे।

    By Sandeep SaxenaEdited By: Updated: Wed, 29 Apr 2020 08:20 AM (IST)
    lockdown 2: बुलंदशहर में मारे गए साधु अलीगढ़ के हैं निवासी, संतो में गुस्‍सा

    अलीगढ़ जेएनएन। महाराष्ट्र के पालघर के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई दो साधुओं की हत्या से अलीगढ़ के लोगों में गुस्सा है। दोनों साधु अलीगढ़ के रहने वाले थे। इनमें एक लोधा तो दूसरे हरदुआगंज क्षेत्र के थे।

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    हत्या से अलीगढ़ के लोगों में गुस्सा

    सोमवार की रात में बुलंदशहर के अनूपशहर थाना क्षेत्र के गांव पगोना में स्थित शिव मंदिर में साधुओं की गई हत्या से अलीगढ़ के लोगों में बेहद नाराजगी है। मारे गए दोनों साधु अलीगढ़ के हैं। इनमें एक जगदीश लोधा के गांव भानोली के हैं। इस गांव के रहने वाले गरीबदास के चार बेटे मंगलसेन, द्वारिका,जगदीश व लाला हैं। मंगलसेन अलीगढ शहर में फल बेचते हैं दूसरे दिल्ली के द्वरिका में राजमिस्त्री का काम करते हैं तथा चौथे नम्बर के गांव में खेती करते हैं। तीसरे नम्बर के जगदीश अवविवाहित थे जो साधू बन गए थे। करीब दस वर्ष पहले जगदीश ने अलीगढ़ छोड़ दिया था और बुलंदशहर में रहना शुरू कर दिया था। जगदीश की हत्या के बाद परिजन बुलंदशहर अनूपशहर चले गए।

    सात साल की उम्र में साधु बन गए थे शेर सिंह

    दूसरे साधु शेरसिंह हरदुआगंज के गांव बरकातपुर के निवासी हैं। शेरसिंह पुत्र किशोरी लाल मूलरूप से गांव कनोरा के निवासी हैं। तीन दशक पहले इनकी मां भागवती देवी परिवार के साथ मायके बरकातपुर में आ गई थी। तीन भाई व एक बहन के बीच शेरसिंह दूसरे नंबर के थे। जिन्हेंं बचपन से ही कंपन की बीमारी थी। सात साल पहले रिश्तेदार के साथ साधु बन गए थे।

    संतो में गुस्‍सा, सुरक्षा की मांग

    भारतीय संत सनातन धर्म रक्षा संघ के प्रमुख महंत संतोष नाथ का कहना है कि लगातार हो रहे संतों पर हमले किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। एक संत की सरकार में संतों की हत्या होना सवाल खड़े करता है। बुलंदशहर के संत जगदीश दास और सेवादास की निर्मम हत्या करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये| संतों की हत्या के मामले में सीबीआई से जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि संत सदा दुनिया के भले की सोचता है। अगर उस पर भी हमले होंगे तो सनातन धर्म की सुरक्षा कैसे होगी। संतों की सुरक्षा से सनातन धर्म की सुरक्षा हो सकेगी। संतों की हत्या की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि मानवधर्म निभाने के लिये लोगों को आगे आना होगा। इससे संत और सनातन धर्म की सुरक्षा हो सकेगी।

    धर्माचार्यों की सुरक्षा के लिये कठोर कानून बने

    नौजवान महासभा के अध्यक्ष मुनीश वर्मा एडवोकेट ने कहा कि संतों और सन्यासीयों पर हमले होना घोर निंदनीय हैं| केंद्र और राज्य सरकारों को संतों पर हमले रोकने के लिए कठोर कदम उठाना चाहिये | साथ ही संतों और धर्माचार्यों की सुरक्षा के लिये कठोर कानून बनाना चाहिए। महाराष्ट्र, पंजाब और बुलंदशहर के संतों के हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार कर फांसी दी जाये| जिससे कि आगे कोई भी ऐसी हिमाकत न कर सके।