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    यूपी के इस जिले में मीट फैक्ट्रियों में काम करने वाले कश्मीरियों का वेरिफिकेशन शुरू, दिल्ली ब्लास्ट के बाद प्रशासन अलर्ट

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 06:59 AM (IST)

    दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इसी के तहत जिले की मीट फैक्ट्रियों में काम करने वाले कश्मीरी कर्मचारियों का सत्यापन शुरू किया गया है। प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय पुलिस और एलआईयू की टीमें फैक्ट्रियों में तैनात सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किस फैक्ट्री में कितने कश्मीरी कर्मचारी काम कर रहे हैं।    

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। इसी क्रम में जिले में भी मीट फैक्ट्रियों में कार्यरत कश्मीरियों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय पुलिस व एलआइयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) की टीमों ने इन फैक्ट्रियों में तैनात हर कर्मचारी का रिकार्ड खंगालना प्रारंभ कर दिया है। सत्यापन के दौरान यह देखा जा रहा है कि किस फैक्ट्री में कितने कश्मीरी कर्मचारी कार्यरत हैं।

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    वे कब से यहां काम कर रहे हैं और उनका स्थायी निवास कहां है। एलआइयू द्वारा एकत्र की गई सभी सूचनाएं जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ भी साझा की जा रही हैं। प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि अब प्रत्येक महीने होने वाले नियमित निरीक्षण में कश्मीरियों सहित सभी बाहरी जिलों के कर्मचारियों का सत्यापन अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा।

    नौ मीट फैक्ट्रियां पंजीकृत

    जिले में नौ मीट फैक्ट्रियां पंजीकृत हैं। इनमें वर्तमान में छह संचालित हो रही हैं। तीन फैक्ट्रियां लंबे समय से बंद पड़ी हैं। शासन स्तर से हरेक फैक्ट्री को प्रतिदिन निर्धारित पशु कटान की क्षमता दी गई है। इनमें अल-दुआ मीट फैक्ट्री की क्षमता सबसे अधिक दो हजार पशु प्रतिदिन है, जबकि अलहलाल की क्षमता सबसे कम दो सौ पशु प्रतिदिन निर्धारित है।

    मीट फैक्ट्रियों के संचालन को लेकर कई नियम तय हैं। पुलिस, प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन विभाग सहित विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम हर महीने इन फैक्ट्रियों का निरीक्षण करती है। इसमें स्वच्छता, पर्यावरण मानक, मशीनरी, सुरक्षा व्यवस्थाओं सहित सभी बिंदुओं की जांच की जाती है। अब दिल्ली विस्फोट के बाद इन निरीक्षणों में कर्मचारियों के सत्यापन को और भी सख्ती से लागू किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक सभी मीट फैक्ट्रियों का सत्यापन किया जा रहा है। टीमों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं।

    यह फैक्ट्रियां फिलहाल चल रही हैं

    1. अलहम्द फूड प्रोडक्ट, ऊदला इलियासपुर
    2. फ्रिगिरेयो कन्सर्वा अल्लाना, तासलपुर
    3. अलदुआ फूड्स प्रोसेसिंग, अमरपुर कोंडला
    4. अम्मार फ्रोजन फूड्स एक्सपोर्टर्स, अमरपुर कोंडला
    5. फेयर एक्सपोर्ट इंडिया, अमरपुर कोंडला
    6. एचएमए एग्रो इंड्रस्टीज लिमटेड तालसपुर


    बाहरी कर्मचारियों की भर्ती के नियम

    जानकारों के मुताबिक, किसी भी कंपनी में बाहरी व्यक्ति को नौकरी देने से पहले उसका पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य है। अगर फैक्ट्री किसी थर्ड पार्टी के माध्यम से श्रमिकों को रखती है, तो सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी उसी एजेंसी की होती है, जिसने कर्मचारी को कंपनी में भेजा है। कंपनी ऐसे कर्मचारियों के दस्तावेज व रिकार्ड थर्ड पार्टी से प्राप्त करती है। सत्यापन रिपोर्ट को सुनिश्चित करती है।