कच्ची उम्र में पक्के हौसलों से लड़ती कामिनी, अन्य युवाओं के लिए बनीं प्रेरणा Aligarh news
18 वर्ष की उम्र में जिम टे्रनर बन पिता का इलाज भी कराया अपनी पढ़ाई भी की। मगर हिम्मत नहीं हारी अब दिल्ली से पुलिस विभाग में एसआइ बनने का आवेदन किया है।
अलीगढ़, [गौरव दुबे]। तंग आर्थिक हालातों में परिवार का बोझ चलाने की जिम्मेदारी छोटी उम्र में लड़कों पर आने की दास्तान कई सुनने को मिल जाती हैं। मगर एक लड़की अपनी शिक्षा, खेल व परिवार के खर्च का बोझ कच्ची उम्र में संभाल ले ऐसे वाक्ये चंद ही होते हैं। ऐसा ही कारनामा खैर निवासी गोल्ड मेडलिस्ट बाइकर्स, वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी कामिनी गौतम ने भी किया है। पहले पिता की 15 साल लंबी बीमारी व फिर उनकी मृत्यु के बाद कामिनी कच्ची उम्र से ही अपने पक्के हौसलों की बदौलत विषमताओं से लड़ती आ रही हैं। 18 वर्ष की उम्र में जिम टे्रनर बन पिता का इलाज भी कराया, अपनी पढ़ाई भी की। मगर हिम्मत नहीं हारी अब दिल्ली से पुलिस विभाग में एसआइ बनने का आवेदन किया है।
23 वर्षीय कामिनी ने बताया कि दिवंगत पिता प्रमोद गौतम पिछले 15 वर्षों से किडनी की बीमारी से पीडि़त थे। 15 दिन पहले उनका देहांत हो गया। लगातार बेड पर रहने के चलते मिठाई की दुकान भी बंद हो गई। कामिनी ने 10 वर्ष की उम्र से ही गांव में रनिंग शुरू कर दी। स्कूल में एनसीसी पाने को खूब मेहनत की। लड़कियों के लिए एनसीसी न होने से निराशा लगी। मां सत्यवती गृहणी हैं व बड़ी बहन पम्मी तब लॉ कर रही थीं। अब वो एडवोकेट बन प्रैक्टिस कर रही हैं।
पढ़ाई का खर्च खुद उठाया
16 वर्ष की उम्र में स्पोट्र्स स्टेडियम में पंजीकरण कराया। यहां वेट लिफ्टिंग व बॉक्सिंग सीखी। साथ ही गांव के स्कूल में 2000 रुपये में पढ़ाती भी थीं। इससे अपनी पढ़ाई की फीस जमा करती थीं। दो साल में वेट लिफ्टिंग में इतनी महारथ हासिल की कि 18 वर्ष की उम्र में जिम ट्रेनर के तौर पर 8000 रुपये में जकरिया मार्केट स्थित जिम में तैनात हुईं। अब बीए के बाद आनंद कॉलेज आगरा से बीपीएड कर रही हैं।
10 रुपये बचाने को बस पर लटकीं
कामिनी ने बताया कि, घर से 20-30 रुपये लेकर निकलती थीं। 10 रुपये बच जाएं इसलिए बस के गेट या पीछे सीढ़ी पर लटक कर कठपुला तक आती थीं। यहां 10 रुपये से कुछ खाकर पैदल चार किमी. दूर स्टेडियम तक आती थीं।
वेटलिफ्टर से बनीं बाइकर्स
कामिनी ने अंतर महाविद्यालयी वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 2018 में आगरा में स्वर्ण पदक जीता। 2018 में बाइकिंग एंड एडवेंचर स्पोट्र्स फाउंडेशन से जुड़कर बाइकिंग के गुर सीखे। फाउंडेशन के अध्यक्ष व इंटरनेशनल बाइकर्स योगेश शर्मा ने बताया कि, उनकी टीम में सबसे शानदार बाइकर्स कामिनी हैं। दो फरवरी 2020 को उनको यूपी के बेस्ट बाइकर्स का अवॉर्ड भी मिला। कोरोना काल के बाद अब उत्तराखंड का टूर होगा।
अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि कामिनी बेहतरीन वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी हैं। उनका संघर्ष व सफलता अन्य युवा खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा से कम नहीं है।
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