Aligarh News: जामा मस्जिद विवाद में कूदे बहादुर शाह जफर के वंशज, बोले- मस्जिद पर उनका मालिकाना हक
अलीगढ़ की ऊपरकोट जामा मस्जिद विवाद में मुगल शासक बहादुर शाह जफर के वंशज प्रिंस याकूब हुबीबउद्दीन तुर्सी कूद पड़े हैं। उन्होंने खुद को अंतिम वंशज बताते हुए मस्जिद पर अपने परिवार का मालिकाना हक जताया है। उन्होंने न्यायालय में तीसरा पक्ष बनने के लिए अपील दायर करने की तैयारी की है। उनका कहना है कि कुछ लोग शांति भंग करना चाहते हैं

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद को लेकर न्यायालय में चल रहे विवाद में मुगल शासक बादशाह शाह जफर के वंशज प्रिंस याकूब हुबीबउद्दीन तुर्सी भी कूद पड़े हैं। इन्होंने खुद को आखिरी वंशज बताते हुए मस्जिद पर अपने परिवार का मालिकाना हक होने का दावा किया है।
तर्क दिया है कि वह इस मामले में तीसरा पक्ष बनाने के लिए अपील दायर करेंगे। इसके लिए उन्होंने अधिवक्ता चौधरी इफ्राहिम को अधिवक्ता नियुक्त करते हुए 15 फरवरी की सुनवाई में अपील दायर करने के लिए कहा है।
मेलरोज बाइपास निवासी पंडित केशवदेव ने पिछले दिनों सीनियर सिविल जज के न्यायालय में एक वाद दायर किया था। इसमें पंडित केशवदेव ने ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद को प्राचीन हिंदू मंदिर होने का दावा किया था। एएसआइ व अन्य साक्ष्यों को भी प्रस्तुत किया।
प्रिंस याकूब हुबीबउद्दीन तुर्सी
मस्जिद कके मुतव्वली एम सूफियान को इसमें प्रतिवादी बनाया गया है। अब 15 फरवरी को इसमें सुनवाई नहीं होनी हैं, लेकिन इससे पहले ही अब इस मामले में मुगल बादशाह के वंशज व हैदराबाद निवासी प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुशी भी कूद पड़े हैं।
इनका कहना है कि देश में अधिकतर प्रमुख मस्जिद मुगल शासन काल में बनीं थी। इसमें अलीगढ़ की जामा मस्जिद भी शामिल थी। ऐसे में इस मस्जिद पर इनका मालिकाना हक है,, लेकिन इसमें उन्हें इसमें पक्षकार नहीं बनाया गया है। ऐसे में वह इसमें पक्षकार बनने के लिए न्यायालय में अपील दायर करेंगे।
उनका कहना है कि कुछ लोग जानबूझ कर अमन-चैन व शांति व्यवस्था को खराब करने के लिए ऐसे मामले उठा हैं। राजस्व अभिलेखों में कोई भी ऐसा प्रमाण नहीं हैं, जिसमें हिंदू मंदिर होने का जिक्र हो। वह मजबूत से मस्जिद के लिए पैरवी करेंगे।
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