सीबीआइ कोर्ट ने रिश्वत लेने का पाया दोषी तो आइपीएस ने अपनाया बौद्ध धर्म
चंडीगढ़ की स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से बुधवार को दोषी ठहराए गए आइपीएस देशराज सिंह ने बौद्ध धर्म अपनाया है।
अलीगढ़ [करन चौधरी]। चंडीगढ़ की स्पेशल सीबीआइ कोर्ट से बुधवार को दोषी ठहराए गए आइपीएस देशराज सिंह ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। उन्हें छह साल पूर्व चंडीगढ़ एसपी रहते हुए इंस्पेक्टर से एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआइ ने रंगेहाथ पकड़ा था। कोर्ट 10 अगस्त को सजा सुनाने वाली है। दोषी करार दिए जाते ही बुधवार को फेसबुक पोस्ट के जरिये उन्होंने धर्म परिवर्तन की घोषणा की।
अलीगढ़ जिला मुख्यालय से आठ किमी दूर गांव सपेरा भानपुर के देशराज सिंह सात भाइयों में सबसे छोटे हैं। आइआइटी कानपुर से एमटेक के टॉपर भी रहे हैं। 2008 बैच के आइपीएस देशराज ने बुधवार शाम फेसबुक पोस्ट में धर्म परिवर्तन की बात लिखी है। कहा है, 'मेरा हृदय जानता है। कहीं अगर ईश्वर है वो जानता है। मैंने कभी रिश्वत न मागी, न ली, फिर भी सजा हो गई।
पिछले छह साल मैंने भगवान से करुण पुकार की कि मेरी लाज रखना प्रभू। घोर अन्याय हुआ है मेरे साथ। जिसने जो कहा, मैंने सब किया। जिस भगवान के दर्शन को बोला, मैं मत्था टेक के आया। पर, मुझे न्याय नहीं मिला। आज से मैं बौद्ध धर्म स्वीकार करता हूं। केवल यही एक धर्म है, जो सिद्धात में बेकार के चोंचले नहीं मानता। बुद्धं शरणम गच्छामि..धम्मं शरणम गच्छामि..संघम शरणम गच्छामि.।'
सीबीआइ की एंटी करप्शन टीम ने चंडीगढ़ के तत्कालीन एसपी देशराज को वहां के सेक्टर-26 थाने के इंस्पेक्टर अनोख सिंह की शिकायत पर 18 अक्टूबर 2012 को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। आरोप था कि अपने माफिक जांच रिपोर्ट के लिए एसपी ने दो लाख मांगे थे। इस मामले में करीब दो माह देशराज जेल में रहे। 12 दिसंबर 2012 को जमानत पर छूटे। सात जुलाई 2013 को सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल की।
देशराज की दलील थी कि इंस्पेक्टर, एक सिपाही की जांच में सिफारिश के लिए आए थे। जब इंस्पेक्टर आए तो वह दूसरे कमरे में थे। वहीं, सीबीआइ ने नोट में लगा केमिकल देशराज की अंगुलियों पर मिलना बताया था। यही सजा का आधार बना। वहीं, भाइयों का कहना है कि देशराज को साजिशन फंसाया गया है। धर्म परिवर्तन पर कहा कि वह टॉपर रहे हैं। हर चीज समझते हैं। जो फैसला लेंगे, सही ही लेंगे।
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