अस्पतालों में बढ़े उल्टी-दस्त के मरीज, वार्ड फुल
गर्मी बढ़ने के साथ उल्टी, दस्त व डायरिया ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। ...और पढ़ें

अलीगढ़: गर्मी बढ़ने के साथ उल्टी, दस्त व डायरिया ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। गर्मी की सर्वाधिक मार बच्चों पर पड़ रही है। एक सप्ताह में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या 50 फीसद तक बढ़ी है। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड फुल हो गया है। तमाम बच्चों को दीनदयाल चिकित्सालय या मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है।
वार्ड का बुरा हाल : जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में 30 बेड हैं। शुक्रवार को इसमें 40 से अधिक भर्ती थे। कई बेड पर दो-दो बच्चे लेटे थे। डायरिया वार्ड भी फुल है। वार्ड व बेड बढ़ाने के लिए पहल नहीं की जा रही है।
गर्मी से हालत खस्ता : जिला अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में शुक्रवार को दर्जनों बच्चे गंभीर हालत में लाए गए। इनमें कावेरी सराय निवासी फूल सिंह की पुत्री शिवानी (छह माह), सराय हकीम निवासी अफजाल के पुत्र अमन (नौ माह), सराय दुबे निवासी शकुंतला के बीटी शिवन्या (11 माह), गंभीरपुर निवासी रवि की पुत्री खुशी (दो साल व प्रज्ञा (छह माह) की हालत नाजुक थी। सभी को बच्चा वार्ड ले जाया गया। कई बच्चों में पानी की इतनी कमी थी कि ड्रिप लगाने के लिए नस तक नहीं मिल सकी। चिकित्सक ने आकर कट लगाया, तब उसे ड्रिप लगाई गई।
बाहर की दवाएं : स्वास्थ्य विभाग संक्रामक बीमारियों से निपटने की तैयारी का दावा कर रहा है, जबकि बच्चा वार्ड में अतिरिक्त सुविधा नजर नहीं आ रही। कूलर तक नहीं लगे हैं। कई डॉक्टर बाहर की दवा लिख रहे हैं। उल्टी-दस्त की दवा 'ओफलोक्स' धड़ल्ले से लिखी जा रही है। शकुंतला ने बताया कि डॉक्टर ने बाहर की दवा मंगाई। बच्चे की ड्रिप लगाने वाली निडिल हाथ से हट गई तो नर्स ने दूसरी निडिल बाहर से मंगाई।
क्या करें, क्या न करें
- सुबह 11 से तीन बजे तक बच्चों को धूप से बचाएं।
- पौष्टिक और तरल पदार्थ दें। सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- बाहरी चीजें न खिलाएं। उल्टी-दस्त होते ही ओआरएस देना शुरू कर दें।
- घर का बना खाना ही खाएं। सिर ढांपकर ही बाहर निकलें। सीमित संसाधनों से हर मरीज को इलाज देने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे पास अतिरिक्त बेड भी नहीं हैं। यदि मरीज से बाहर की दवा मंगाई जाती है या अन्य कोई समस्या है तो मुझसे संपर्क करें, उचित कार्रवाई करूंगा।
डॉ. रामकिशन, सीएमएस

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