छोटा सा घर और जूस की दुकान... Income Tax ने थमा दिया 7.50 करोड़ का नोटिस; बचाव के लिए दर-दर भटक रहे मोहम्मद रहीस
मोहम्मद रहीस को आयकर विभाग ने 7.50 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस भेजा है। रहीस दो कमरे के मकान में रहते हैं और जूस की एक दुकान चलाते हैं और उनके परिवार में माता-पिता और पत्नी हैं। मां डिप्रेशन से पीड़ित हैं और पिता हार्निया की समस्या से जूझ रहे हैं। रहीस का कहना है कि उनके पैन कार्ड और आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल किया गया है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। दो कमरे के मकान में जूस की दुकान से आजीविका चलाने वाले मोहम्मद रहीस को आयकर विभाग ने 7.50 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस भेजा है। इसके चलते रहीस दो दिन से खाना नहीं खा सके हैं। घबराहट के चलते ब्लड प्रेशर बढ़ गया है। बचाव के लिए वह दर-दर भटक रहे हैं।
रहीस ने दीवानी न्यायालय परिसर में एक लाख रुपये वार्षिक ठेके पर जूस की दुकान ले रखी है। परिवार में वह माता-पिता व पत्नी के साथ रहते हैं। मां आसिया डिप्रेशन से पीड़ित व पिता शमशेर हार्निया की समस्या से जूझ रहे हैं।
आपरेशन कराने के रुपये नहीं हैं। ऐसे में 7.50 करोड़ से अधिक के नोटिस ने उनके जीवन की शांति भंग कर दी है। नोटिस में बिक्री की डिटेल है। इसे गलत बताते हुए रहीस ने पैन कार्ड व आधार कार्ड का गलत उपयोग होने की बात कही है।
वह एसएसपी कार्यालय जाकर जांच व कार्रवाई की मांग करेंगे। इनकम टैक्स आफिसर नैन सिंह ने बताया कि मोहम्मद रहीस को बोगस बिक्री करने, 7.50 करोड़ से अधिक आय का मूल्यांकन न कराने, आइटीआर न भरने का दोषी माना गया है। उनकी ओर से उठाए गए कदमों के आधार पर प्रक्रिया तय होगी।
नोटिस में यह है प्रकरण
जीएसटी विभाग के आनलाइन पोर्टल पर रहीस के नाम से बिक्री प्रदर्शित है। लेखा-जोखा परखने व पड़ताल के बाद डिटेल इनकम टैक्स विभाग को भेजी गई। आयकर विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजकर 28 मार्च तक जवाब मांगा है।
इस प्रकरण में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7.54 करोड़ से अधिक की बिक्री गुरप्रीत सिंह को व 2021-22 में 2.99 लाख से अधिक की बिक्री राहुल को की। यह बिक्री फर्जी संस्थाओं को की गई है। जीएसटीआर के इनसाइट पोर्टल पर कुल बिक्री 7.79 करोड़ से अधिक की दिखाई गई है।
पूरे लेन-देन व क्रय-विक्रय में मोहम्मद रहीस का पैनकार्ड उपयोग किया गया है। नोटिस में लिखा है कि मोहम्मद रहीस के प्रकरण में 2021-22 में कर योग्य आय 1.50 लाख रुपये है।
7.79 करोड़ से अधिक की आय बच गई है। निर्धारण वर्ष 2021-22 के लिए आइटीआर नहीं भरा गया और मूल्यांकन से बचा गया है। 28 मार्च तक कागजात दिखाते हुए जवाब देना है।
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