प्रदेश की जेलों में 'शाही खाना' प्रतिबंधित, कैंटीन में मिलेंगी सिर्फ पैक्ड खाद्य वस्तुएं
कैंटीन के लजीज भोजन के भरोसे जेल में दिन बिता रहे बंदियों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने इस भोजन पर रोक लगा दी है। ...और पढ़ें

अलीगढ़ (लोकेश शर्मा)। कैंटीन के लजीज भोजन के भरोसे जेल में दिन बिता रहे बंदियों के लिए बुरी खबर है। सरकार ने इस भोजन पर रोक लगा दी है। बंदियों को अब अंग्रेजों के बनाए मेन्यू के आधार पर ही भोजन मिलेगा यानी दाल-रोटी व अन्य सामग्री। समोसा, छोले-भटूरे, पनीर के पकौड़े, आलू के पराठे व रसगुल्ले का स्वाद बंदी नहीं ले पाएंगे। कैंटीन में बेची जाने वाली 13 पकी हुई सामग्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रमुख सचिव कारागार अरविंद कुमार ने यह आदेश रायबरेली जेल की कैंटीन में मीट पहुंचने व उसका वीडियो वायरल होने के बाद जारी किया है। कैंटीन में सिर्फ 20 पैक्ड सामान ही बेचे जा सकेंगे।
2015 में बना था कैंटीन का मेन्यू
सरकार ने तिहाड़ की तर्ज पर 2015 में अलीगढ़ समेत प्रदेश की सभी 71 जेलों में कैंटीन खोलने का आदेश जारी किया था। मेन्यू में आलू-पराठा, पूड़ी-सब्जी, ब्रेड पकौड़ा, समोसा, चाय, बेसन व अलग-अलग सब्जियों के पकौड़े, उबला अंडा, ब्रांडेड कंपनी की पैक्ड दही व लस्सी, दूध व मट्ठा, जलेबी, पोहा, सूजी हलवा व छोले-भटूरे रखे गए। कैंटीन संचालन के लिए शासन से अलग कोई धनराशि नहीं दी गई। बंदियों के लिए महीने में 600 रुपये के कूपन दे दिए जाते थे। जिला खाद्य अधिकारी महीने में कम से कम एक बार कैंटीन में आकस्मिक निरीक्षण करते थे।
दस प्रतिशत मुनाफा
कैंटीन में उपलब्ध सामान की बिक्री पर बंदियों से दस फीसद मुनाफा लिया जाता। यानी की एक बंदी के महीने भर की जाने वाली 600 रुपये की खरीदारी से कैंटीन को 60 रुपये की आमदनी होती। यदि जेल में बंद तीन हजार बंदियों में से एक हजार ने महीने भर खरीदारी की तो 60 हजार रुपये की आमदनी होती थी।
किचकिच से भी छुटकारा
होता ये था कि कैंटीन खुलने से पहले बंदी परिजनों से जरूरत का सामान मंगवाते, जिसकी जांच-पड़ताल में जेल कर्मियों को मुश्किलें झेलनी पड़ती थीं। डर बना रहता था कि कहीं प्रतिबंधित वस्तुएं अंदर न आ जाएं। कैंटीन खुलने से बाहर से सामान लाने पर रोक लग गई। इस प्रतिबंध से फिर वही स्थिति बनेगी।
बंदियों का सामान्य भोजन
कैंटीन से अलग बंदियों की भोजन व्यवस्था तालुका के हिसाब से होती है। प्रति बंदी को रोज 700 ग्राम आटा, 90 ग्राम दाल, 230 ग्राम सब्जी, 14 ग्राम नमक, 45 ग्राम गुड़, 10 ग्राम चीनी, 25 ग्राम दूध, हफ्ते में एक बार 15 ग्राम राजमा, 10 ग्राम सोयाबीन, 15 ग्राम उड़द बरी, हफ्ते में दो बार 235 ग्राम चावल, 45 ग्राम चना, माह में तीन बार 30 ग्राम सूजी हलवा आदि मिलता है। मेन्यू में नॉनवेज नहीं है।
कैंटीन में अब ये मिलेगा
ब्रांडेड कंपनी के पैक्ड दही/लस्सी, दूध व मट्ठा, बिस्किट, नमकीन, टूथ पेस्ट/पाउडर, टूथ ब्रश, अचार, साबुन, तेल (सरसों, नारियल, आंवला), चना, घी, ब्रेड, लइया/चना, बनी हुई चाय, बूट पॉलिश, कच्छा, बनियान, चप्पल/जूता,्र रूमाल, तौलिया, अगोंछा, मौजे व मॉस्किटो क्वॉइल व क्रीम।
अभी नहीं मिला आदेश
वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि कैंटीन में पके हुए भोजन पर प्रतिबंध की जानकारी मिली है, मगर अभी आदेश नहीं आया है। आदेश आते ही ये वस्तुएं प्रतिबंधित करा दी जाएंगी।

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