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    UP Election 2022: चुनावी माहौल में भाजपा में आपसी गुटबाजी बढ़ी, संगठन ने साधी चुप्‍पी

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Oct 2021 01:45 PM (IST)

    UP Election 2022 चुनाव निकट आते ही भाजपा में अंदरुनी गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। गुटबाजी इस कदर है कि प्रतिदिन आडियो वायरल हो रही है। इसमें नेताओं के बीच बाचतीत होती है। कई आडियो में तो सीधे गाली-गलौज तक हाे गई।

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    चुनाव निकट आते ही भाजपा में अंदरुनी गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। चुनाव निकट आते ही भाजपा में अंदरुनी गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है। गुटबाजी इस कदर है कि प्रतिदिन आडियो वायरल हो रही है। इसमें नेताओं के बीच बाचतीत होती है। कई आडियो में तो सीधे गाली-गलौज तक हाे गई, यह आडियो चुनाव के समय लगातार वायरल होने लगी हैं। आश्चर्य की बात है कि इस मामले में संगठन पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।

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    आडियो वायरल के मामले ने पकड़ा तूल

    भाजपा सबसे अनुशासित पार्टी मानी जाती है। मगर, इन दिनों आडियो वायरल का मामला सबसे अधिक चर्चाओं में चल रहा है। दो साल पहले पार्टी में आडियो बम फूटा था, जिसमें पूरे जिले में हलचल मच गई थी। इस आडियो में प्रदेश के एक मंत्री के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने बोला था। इसकी शिकायत प्रदेश स्तर के नेताओं तक गई थी, मगर इस मामले में कुछ नहीं हुआ। इसके बाद मडराक मंडल के दो पदाधिकारियों की आडियो वायरल हो गई, इसमें जमकर अपशब्द कहे जा रहे थे, इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजयुमो जिले की कार्यकारिणी को लेकर भी आडियो वायरल हुई। यह मामला भी प्रदेश के नेताओं तक पहुंचा, मगर इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

    अनुशासित पार्टी में लगातार विवादित आडियो हो रहे वायरल

    अब चर्चा होने लगी है कि इतनी अनुशासित पार्टी में लगातार विवादित आडियो वायरल हो रहे हैं, उसके बावजूद पार्टी कोई कदम नहीं उठा रही है। उधर, चुनाव निकट है, पार्टी जल्द ही कार्यक्रमों की घोषणा करने वाली है, ऐसे में विवाद बढ़ने से चुनाव प्रभावित होगा। क्योंकि इस समय जो भी नेता अपने विरोधियों की कमजोर कड़ी पा रहा है, उसके खिलाफ कोई न कोई साजिश रचने का काम कर रहा है। सामने से वार कोई नहीं कर रहा है, सबसे सशक्त माध्यम इंटरनेट को अपनाया है। इंटरनेट पर आडियाे, वीडियो आदि वायरल कर दी जाती है, उसके बाद इसे शेयर किया जाता है, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और उसे बदनाम किया जा सके। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ और कर्मठ नेता असहज हो गए हैं, उन्हें भी लगने लगा कि अनुशासन की डोर में बंधने के बाद भी कुछ ऐसे लोग हैं जो संगठन को बदनाम करने में लगे हुए हैं। यदि पार्टी कोई कठोर कदम नहीं उठाती है तो इस तरह की गतिविधियां होती रहेंगी, जिससे चुनाव प्रभावित होगा।