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UP Chunav 2022 : अलीगढ़ में चुनावी संग्राम में घमासान, नए को मिलेगा मौका या पुराने ही मारेंगे चौका, जानते हैं जनता का मूड

UP Chunav 2022 अलीगढ़ की सातों विधानसभा सीट के लिए प्रत्‍याशियों ने ताकत झोंक दी है। अब जनता को तय करना है कि पुराने दिग्‍गजों पर ही विश्‍वास किया जाय या नए को मौका दिया जाय। इस बार कई नए चेहरे मैदान में हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 10:16 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 10:46 AM (IST)
UP Chunav 2022 : अलीगढ़ में चुनावी संग्राम में घमासान, नए को मिलेगा मौका या पुराने ही मारेंगे चौका, जानते हैं जनता का मूड
विधानसभा चुनाव में सभी दलों के प्रत्याशियों ने ताल ठोक दी है।

सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । UP Chunav 2022 विधानसभा चुनाव में सभी दलों के प्रत्याशियों ने ताल ठोक दी है। जिले की सात में से चार विधानसभा सीटों पर कुछ ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्हें जनता पांच-पांच साल बतौर विधायक परख चुकी है। लोगों ने इनके कामों को नजदीक से देखा है। व्यवहार को भी परखा है। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि जनता आने वाले दिनों में पुराने लोगों का मौका देती है या फिर नए चेहरों को मौका देती है। पढ़िए जिले की सातों विधानसभाओं पर प्रत्याशियों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट...

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खैर विधानसभा

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें मौजूदा विधायक के अनूप प्रधान के अलावा पूर्व विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी भी मैदान में हैं। क्षेत्र की जनता ने इन दोनों के कार्यकाल को देखा है। वहीं, बसपा ने इस बार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू की पुत्र वधु चारूकेन व कांग्रेस ने मोनिका को मौका दिया है। आप से मोहसिन प्रताप सिंह, निर्दलीय मूलचंद्र व जगदीश प्रसाद भी इस बार अपना भाग्य अजमा रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता किसी चुनती है।

बरौली विधानसभा

बरौली से भी कुल सात प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा प्रत्याशी ठा. जयवीर सिंह 2007 से लेकर 2012 तक इसी क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। बसपा सरकार में बतौर मंत्री क्षेत्र की जनता ने इनके कार्यकाल को देखा है। रालोद के प्रमोद गौड़ भी खैर विधानसभा क्षेत्र से 2007 से लेकर 2012 तक विधायक रह चुके हैं। वहीं बसपा से नरेंद्र कुमार शर्मा, कांग्रेस से गौरांगदेव चौहान, आप से सुनीता व निर्दलीय देवेंद्र कुमार वर्मा पहली बार अपना भाग्य अजमा रहे हैं।

अतरौली विधानसभा

इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को मौका दिया है। 2017 में यह पहली बार यहां से विधायक चुने गए थे। इसके बाद क्षेत्र की जनता ने प्रदेश सरकार में बतौर राज्य मंत्री इनके कार्यकाल को देखा है। वहीं, सपा से वीरेश यादव को मौका दिया है। यह 2012 से लेकर 2017 तक अतरौली से विधायक रहे थे। वहीं, कांग्रेस ने धर्मेंद्र लोधी, बसपा से डा. ओमवीर सिंह, आप से खेम सिंह, निर्दलीय अखिलेश देवी, राहुल सिंह, सलीम खां, लोकदल से बृजेश कुमार व कैलाश कुमार भी इस बार चुनावी मैदान में हैं।

छर्रा विधानसभा

इस विधानसभा क्षेत्र में 10 प्रत्याशी मदान में हैं। इनमें भाजपा से मौजूदा विधायक रवेंद्र पाल सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सपा ने महिला प्रत्याशी लक्ष्मी धनगर को मौका दिया है। यह इनका पहला विधानसभा चुनाव है। बसपा ने हरदुआगंज के चेयरमैन तिलकराज यादव, कांग्रेस ने अखिलेश शर्मा, आप ने सुशील कुमार को माैका दिया है। इसके साथ ही निर्दलीय अक्षय कुमार, भारतीय सुभाष सेना के राजेश कुमार शर्मा, निर्दलीय जसवीर सिंह, यादकरन को चुनावी मैदान में उतारा है।

कोल विधानसभा

यहां कुल 10 प्रत्याशी हैं। इसमें भाजपा से विधायक अनिल पाराशर मैदान में हैं। जनता ने 2017 के बाद से अब तक इनके कार्यकाल को नजदीक से देखा है। वहीं, कांग्रेस से पूर्व विधायक विवेक बंसल को मौका दिया है। यह 2002 से 2007 तक शहर सीट से विधायक रह चुके हैं। सपा ने पिछले चुनावों के प्रत्याशी अज्जू इशहाक को ही मैदान में उतरा है। बसपा से मो. बिलाल चुनाव लड़ रहे हैं। आप से मनोज शर्मा, निर्दलीय एमएल पापा, नई खान शम्स तवरेज खां व साहब सिंह भी चुनावी मैदान में हैं।

शहर विधानसभा

यहां से कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें सपा के जफर आलम 2012 से लेकर 2017 के बीच इसी विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने मौजूदा विधायक संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा को मौका दिया है। यह पहली बार चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी व एएमयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज व बसपा ने रजिया खान को मौका दिया है। वहीं, आप से मोनिक थापर, स्वराज भारतीय पार्टी से विनोद कुमार, निर्दलीय रामगोपाल, केशवदेव शर्मा, रेनुका वाष्र्णेय व रेहादुद्दीन भी अपना भाग्य अजमा रहे हैं।

इगलास विधानसभा

इगलास में कुल पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें से भाजपा के राजकुमार सहयोगी ही एक मात्र अनुभवी प्रत्याशी है। 2019 के बाद से करीब ढाई साल इन्हें काम करने का मौका मिला है। वहीं, रालोद ने यहां वीरपाल सिंह दिवाकर को मौका दिया है। बसपा से सुशील कुमार मैदान में हैं। कांग्रेस ने प्रीति धनगर व लोकदल ने कुंवरपाल को उतारा है।


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