अलीगढ़ में सपा ने शहर से जफर, कोल से सलमान पर जताया भरोसा
गुरुवार को देरशाम पार्टी हाईकमान ने जारी की पहली सूची शहर विधायक रह चुके हैं जफर आलम कोल में किया नया प्रयोग।

जासं, अलीगढ़ : समाजवादी पार्टी ने अलीगढ़ की सात सीटों में दो पर प्रत्याशी गुरुवार देरशाम घोषित कर दिए। हाईकमान ने पूर्व विधायक जफर आलम पर पुन: भरोसा जताते हुए शहर सीट से उतारा है। कोल सीट पर नया प्रयोग करते हुए सलमान शाहिद को मौका दिया है। सलमान लंबे समय से पार्टी से जुड़े थे, वर्तमान में युवजन सभा के प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं। दो सीटों पर प्रत्याशियों के घोषित होते ही देर रात तक शुभकामनाओं का दौर चला। इंटरनेट मीडिया पर भी बधाइयों के पोस्ट डाले गए।
अलीगढ़ जिले की शहर व कोल सीट हर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं। जातिगत समीकरण बैठाकर ही पार्टियां इन सीटों से प्रत्याशी उतारती आई हैं। सपा ने 2012 के चुनाव में इस सीट से लिक लाक कंपनी के चेयरमैन जफर आलम को उतारा था। 68,291 वोट लेकर वह विधायक बने थे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आशुतोष वाष्र्णेय को कड़ी टक्कर दी थी। आशुतोष को 45,205 वोट ही मिल सके। 2017 के चुनाव में भी पार्टी ने इसी सीट से जफर आलम को मौका दिया। मोदी लहर के आगे वह टिक न सके, लेकिन वोट पहले से अधिक मिले। 98,312 वोट पाकर वह दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा प्रत्याशी संजीव राजा 1,13,752 वोट लेकर विजयी घोषित रहे। शहर सीट से जफर के अलावा विनोद सविता, नाजिम, अतीत अग्रवाल आदि सपाई दावेदारी कर रहे थे।
कोल पर नया प्रयोग : पार्टी ने कोल सीट पर सलमान शाहिद को उतार कर नया प्रयोग किया है। सलमान कभी चुनाव नहीं लड़े, लेकिन पार्टी के कर्मठ नेता रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान उन्होंने कोल विधानसभा क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई थी। सीएए को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन में भी आगे रहे। माना जा रहा है कि इन्हीं गतिविधियों ने पार्टी हाईकमान को प्रभावित किया। कोल सीट पर दावेदारों की सूची लंबी थी। पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खुद दावेदारी कर रहे थे। 2012 के चुनाव में उन्होंने 44,847 वोट पाकर कांग्रेस के विवेक बंसल को हराया था। इससे पहले शहर विधायक रहे। 2017 के चुनाव में टिकट न मिलने पर वह बसपा में शामिल हो गए। टिकट अज्जू इश्हाक को मिली। मगर, वह जीत न सके। जमीर ने पुन: सपा में शामिल होकर टिकट दावेदारी कर दी।
मायूस हुए दावेदार : कोल सीट पर सपा के दावेदारों की सूची लंबी थी। पूर्व विधायक जमीर उल्लाह, अज्जू इश्हाक के अलावा इस सीट से उस्मान खान, मोहम्मद सगीर, अहमद सईद सिद्दीकी, रत्नाकर पांडेय, ख्वाजा जिब्रान समेत 12 सपाई दावेदारी कर रहे थे। कुछ को तो पूरा यकीन था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। पार्टी के फैसले के बाद इनके चेहरे पर मायूसी छा गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।