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    अलीगढ़ में कांग्रेस ने पूर्व विधायक विवेक बंसल पर फिर खेला दांव, बरौली, शहर में उतारे युवा चेहरे

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Fri, 14 Jan 2022 09:00 AM (IST)

    कांग्रेस ने टिकट जारी करने में बाजी मार ली है। जिले की सात विधानसभा क्षेत्रा में से चार पर गुरुवार को प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी। कोल विधानसभ ...और पढ़ें

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    कांग्रेस ने टिकट जारी करने में बाजी मार ली है।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने टिकट जारी करने में बाजी मार ली है। जिले की सात विधानसभा क्षेत्रा में से चार पर गुरुवार को प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी। कोल विधानसभा में कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व एमएलसी विवेक बंसल पर दांव खेलते हुए मैदान में उतारा है। बंसल इस सीट पर तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे। शहर सीट पर एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज, बरौली से गौरांग देव चौहान और अतरौली से धमेंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है।

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    विवेक के सामने नहीं आया कोई कांग्रेसी

    जिले की शिकायत से 11 साल से दूर कांग्रेस में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जांच फूंकने का काम किया है। पिछले चुनावों में जहां दावेदारों का संकट रहता था वहीं इस बार दावेदारों की लंबी कतार थी। हालांकि कोल सीट पर पूर्व एमएलसी विवेक बंसल के सामने कोई नेता नहीं आया। केवल इं. आगा यूनुस ने ही ताल ठोकी थी। शहर सीट पर मो. जियाउद्दीन राही, मनोज सक्सेना, हाजी अरशान, यज्ञा अग्रवाल, रेखा शर्मा, मो. शारिक एडवोकेट, सुलेमान निजामी, असद फारुख, वसीम अहमद, सीपी गौतम व उनकी पत्नी दावेदार थे। इसमें बाजी मारी कांग्रेस में पिछले साल नवंबर में शामिल हुए ऊपर कोट निवासी सलमान इम्तियाज ने। कांग्रेसी इस फैसले का विराेध भी कर रहे हैं। बरौली से कुंवर गौरांग देव चौहान, विनोद पांडेय, अनिल कुमार सिंह, जयदेव उपाध्याय, विजय सारस्वत, सुषमा शर्मा एडवोकेट, रमेश चंद्र शर्मा, धर्मेंद्र सिंह चौहान दावेदारों की सूची में थे। इनमें कुंवर गौरांग देव चौहान बाजी मार गए। अतरौली से धर्मेंद्र कुमार लोधी के अलावा संगीता राजपूत व डा. ऋचा शर्मा और खैर से रोहताश सिंह जाटव, ज्ञान सिंह, राम गोपाल रैना, हेमंत कुमार व सपना पासवान भी दावेदार थे।

    बसंल पांचवीं बार मैदान में

    हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल लगातार पांचवीं बार विधानसभा प्रत्याशी होंगे। वर्ष 2002 में शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए बंसल दो बार शहर व नए परसीमन से हुए कोल विधानसभा से वर्ष 2012 व 2017 भी प्रत्याशी रहे थे। बंसल ने छात्र जीवन से ही कांग्रेस से ही सियासी पारी की शुरूआत की। महानगर में विभिन्न पदों पर संगठन का दायित्व देखा। जब वे महानगर अध्यक्ष थे, तब पहली बार शहर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने टिकट दिया। यह वह दौर था, जब कांग्रेस संघर्ष कर रही थी। विवेक बंसल ने सपा के विधायक अब्दुल खालिक को चुनाव में करारी शिकस्त देकर जीत हासिल की थी। वर्ष 2007 में बंसल को सपा के जमीर उल्लाह ने पराजित किया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2008 में हुए विधान परिषद स्नातक का चुनाव जीता। नए परसीमन के तहत बंसल ने अपना क्षेत्र बदला। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में कोल सीट पर सपा के जमीर उल्लाह से मामूली अंतर से हारे। वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव भी नहीं जीत सके।

    भाजपा से आए लोधी को मैदान में उतारा

    अतरौली के ग्राम हैवतपुर नगरिया निवासी धर्मेंद्र लोधी कांग्रेस किसान मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं। वर्ष 2005 में भाजपा से सियासी पारी शुरू करने वाले धर्मेंद्र भाजपा लोधा ब्लाक के प्रभारी, शहर के शक्ति मंडल के उपाध्यक्ष पद का दायित्व देख चुके हैं। वर्ष 2015 में हुए जिला पंचायत सदस्य के लिए लोधा विकास खंड के बार्ड नंबर 35 से भाजपा से दावेदारी की। टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा। तीसरे नंबर पर रहे। इसके बाद भाजपा छोड़ वर्ष 2017 में अतरौली विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय क्रांति पार्टी से चुनाव लड़ा। जिसे हार गए। वर्ष 2017 क्षेत्रीय नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे अश्वनी शर्मा की पहल पर यह लोधी कांग्रेस में शामिल हुए। चौ. बिजेंद्र सिंह की कमेटी में ओबीसी विभाग के जिलाध्यक्ष रहे। 2020 कांग्रेस किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बनाए गए। लोधी ने कहा कि वे पार्टी के सिपाही हैं।

    संघर्ष का इनाम

    बरौली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गौरांग देव चौहान ने छात्र राजनीति के बाद वर्ष 2013 में युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के साथ राजनीति की शुरूआत की थी। पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह के सानिध्य में यह वर्ष 2017 में युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव बने। पीसीसी में भी जगह पाई। वर्ष 2019 में यह युवक कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने। गौरांग देव ने बरौली विधानसभा क्षेत्र को लक्ष्य बनाते हुए सियासी संघर्ष शुरू कर दिया। गौरांग के पिता हर्षवर्धन सिंह चौहान अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मां सरलेश चौहान सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हैं। चौहान ने कहा मैंने किसानों के हित में संघर्ष किया। इसकी का फल पार्टी ने दिया है। बरौली की जनता के स्नेह को देखते हुए पार्टी ने चुनावी समर में उतारा है। युवाओं का साथ व बुजुर्गों का आशीर्वाद मेरे साथ है।

    शहर में मुस्लिम चेहरे

    कांग्रेस ने शहर सीट से एएमयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज को मैदान में उतार कर मुस्लिम कार्ड खेला है। शहर सीट पर सपा ने भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है। बसपा के भी किसी मुस्लिम प्रत्याशी के उतारने की चर्चा है। सलमान का जुड़ाव एएमयू से रहा है। छात्र संघ का चुनाव उन्होंने अच्छे वोटों से जीता था। उन्हें टिकट देन के पीछे इसे भी अहम कारण माना जा रहा है। सलमान का कहना है कि पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी दी है। सभी को पार्टी के फैसले को मानना चाहिए। जीत हासिल करने के लिए हम पूरी ताकत लगा देंगे।