Couple Separation: पति ने अलमारी से निकाल 200 रुपये कर दिए खर्च, अब तीन साल के लिए अलग हो गए दोनों
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक पति-पत्नी के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि उन्हें तीन साल के लिए अलग होना पड़ा। पति ने पत्नी की अलमारी से 200 रुपये निकालकर ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जासं, अलीगढ़। पति ने पत्नी के 200 रुपये अलमारी से निकालकर खर्च कर दिए तो यह जरा सी बात इतनी तूल पकड़ गई कि दोनों तीन वर्षों के लिए अलग हो गए। पत्नी दोनों बच्चों काे लेकर बरला के एक गांव स्थित अपने मायके चली गयी और फिर बोलचाल भी बंद हो गई।
पत्नी के सारसौल स्थित ससुराल न लौटने पर दंपती विवाद शुरू हुआ तो काउंसलिंग में दोनों को अपनी गलतियों का अहसास हुआ। दोनों ने फिर एक दूसरे को अपनाया और हसी-खुशी एक साथ घर लौटे।
ऐसी ही छोटी-मोटी बातों पर कई जोड़े बिछड़ रहे थे, जिन्हें परिवारवाद न्यायालय द्वारा एक कराया गया। विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस वर्ष की चौथी व आखिरी लोक अदालत में शनिवार को भी काफी भीड़ पहुंची थी।
न्याय के लिए कोर्ट के बाहर से ही लंबी लाइन लग गई। दंपती विवाद के केस निस्तारित कर 48 जोड़ों को साथ भेजा गया। छोटी-मोटे मुद्दों व मामूली कहासनी पर दंपती के बीच कलह के कई मामले सामने आए थे। एक मामला पत्नी के मोबाइल से जुड़े रहने का भी था।
पति इससे नाराज थे। बन्नादेवी क्षेत्र के इस मामले में भी पत्नी ने अपनी गलती स्वीकारी और पति ने भी गुस्सा न करने का भरोसा दिया और फिर दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया। एक मामले में पत्नी के मां से बात करने को पति कुछ और समझ गए।
पत्नी सच बताने से संकोच करती रहीं और कलेश हो गया। विवाद बढ़ा तो दोनों अलग-अलग रहने को तैयार हो गए। बाद में जब सच्चाई सामने आयी तो दोनों के बीच सुलह हो गई। कई और मामले भी ऐसे थे, जिन्हें टूटने से बचा लिया गया।
जिला जज पंकज कुमार अग्रवाल ने कहा कि लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर मामलों का निपटारा होता है। यह ऐसा प्लेटफार्म है, जहां समझौते के आधार पर दोनों पक्ष विजयी होते हैं।
यह जानकारी देते हुए प्राधिकरण सचिव नितिन श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त किया। वाणिज्यिक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी रणधीर सिंह, एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी जयसिंह पुंढीर व सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण नितिन श्रीवास्तव आदि शुभारंभ में शामिल रहे।

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