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    आशिकी की चक्कर में पति को उतारा मौत के घाट, पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 06:30 AM (IST)

    इगलास क्षेत्र में संपत्ति और प्यार के लिए पति की हत्या करने वाली पत्नी और उसके ममेरे साले को एडीजे प्रथम प्रतिभा सक्सेना की अदालत ने आजीवन कारा ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। संपत्ति और प्यार की खातिर इगलास क्षेत्र में पति की हत्या की दोषी पत्नी व ममेरे साले को एडीजे प्रथम प्रतिभा सक्सेना की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 35-35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इगलास थाने में इस मामले की रिपोर्ट बुलंदशहर सिकंदराबाद के तालबपुर कनकपुर के सुरेश ने दो जनवरी 2015 को दर्ज कराई थी। जिसमें कहा था कि उसका छोटा भाई रवेंद्र उर्फ रवली 28 दिसंबर 2014 को अपनी पत्नी लतेश व ममेरे साले शिवपुरी, इगलास के संदीप संग अपने दो छोटे बच्चों सुमित व चंचल व एक लाख रुपये लेकर इगलास गया था।

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    अगले दिन लतेश तो दोनों बच्चों को लेकर गांव वापस आ गई। उसका भाई नहीं आया। लतेश से पूछा तो उसने बताया कि किसी काम से रुक गए हैं। रवेंद्र के न आने पर उसकी तलाश की गई। पता न चले पर एक जनवरी को इगलास जाकर पुलिस को जानकारी दी गई। इसके बाद संदीप, लतेश व अपने गांव के एक अन्य व्यक्ति पर रुपये हड़पने की नीयत से रवेंद्र को गायब करने का अंदेशा जताकर तहरीर दी।

    पुलिस ने जांच शुरू करते हुए अगले दिन यानि तीन जनवरी की सुबह रवेंद्र का बोरे में बंद शव इगलास मंडी के पीछे खाली खेत से बरामद किया। लतेश व संदीप को भी पकड़ लिया। पूछताछ में दोनों ने रवेंद्र की हत्या कर शव छिपाना स्वीकार किया। रिपोर्ट में जो एक अन्य व्यक्ति नामजद किया था। उसकी भूमिका उजागर न होने पर पुलिस विवेचना में लतेश व संदीप के खिलाफ चार्जशीट दी गई। सत्र परीक्षण में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर लतेश व संदीप को दोषी करार देकर सजा सुनाई है।

    बेटे की गवाही बनी सजा का आधार

    सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मेपे सिंह के अनुसार इस मामले में अदालत में कुल छह गवाह पेश किए गए। वादी व मृतक के बेटे की गवाही अहम रही। इसमें साफ हुआ कि दोनों भाइयों के हिस्से में गांव में 33 बीघा जमीन थी। जिसमें से रवेंद्र की भूमि सरकारी अधिगृहण में चली गई थी। जिसके बदले उसे रकम मिली थी। इस रकम से उसने अपनी पत्नी के कहने पर अपनी पत्नी की ननिहाल इगलास में एक प्लाट पत्नी के नाम से खरीदा था।

    रवेंद्र की शादी को 14 वर्ष हुए थे। उस पर चार बच्चे थे। मगर पत्नी छोटे दोनों बच्चों को लेकर अपनी ननिहाल में किराए पर रहती थी। ससुराल कभी कभार आती थी। उसने गवाही दी कि लतेश के संदीप से संबंध थे। उन संबंधों व मुआवजे में मिली रकम को हड़पने के लिए ये हत्या की गई।

    वहीं बेटे ने बताया कि घटना वाली रात मां व संदीप मामा ने पापा को लोहे की वजनी वस्तु से पीटा और गर्दन काटी थी। मां ने भी उनको पीटा था। देखने पर उसे धमकाया भी। बाद में एक कार में कुछ नकाबपोश लोग आए। इसके बाद मां व संदीप मामा झोंपड़ी में एक साथ सोए थे। ये दोनों गवाही सजा का आधार मानी गईं।