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    AMU: हिंदू छात्रों ने कमरा नहीं मिलने पर लगाया धार्मिक भेदभाव का आरोप, गार्ड रूम में रहने को मजबूर

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Thu, 30 Mar 2023 04:38 PM (IST)

    हिंदू छात्रों को हबीब हाल में एक गार्ड रूम मिला उसका बिजली का बिल भी वह खुद दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी में सैकड़ों छात्रों के साथ ऐसा हो रहा है। छात्रों ...और पढ़ें

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    हिंदू छात्रों ने कमरा नहीं मिलने पर लगाया धार्मिक भेदभाव का आरोप। जागरण

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पढ़ रहे राजस्थान के हिंदू छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। कहा है, फीस जमा होने के बाद भी उन्हें हाल में कमरा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे युवक कमरे में रह रहे हैं, जो यूनिवर्सिटी के छात्र नहीं हैं। डाइनिंग हाल से ही खाना खाते हैं।

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    जबकि हिंदू छात्रों को हबीब हाल में एक गार्ड रूम मिला, उसका बिजली का बिल भी वह खुद दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी में सैकड़ों छात्रों के साथ ऐसा हो रहा है। छात्रों ने बुधवार को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट को सौंपा। एएमयू प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया है। एमएससी में पढ़ रहे राजस्थान के बीकानेर निवासी इंद्राज बिश्नोई, बूंदी निवासी नंद किशोर सुमन व जयपुर निवासी राकेश चौधरी ने आरोप लगाया है कि एएमयू प्रशासन के भेदभाव के कारण आज तक उन्हें हास्टल में कमरा नहीं मिला है।

    एएमयू प्रशासन व प्रोवोस्ट के पास जाते हैं तो हमें बिना समस्या सुने भगा दिया जाता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हिंदू होने के कारण कमरा नहीं मिल रहा है। दूसरे समुदाय के जूनियर छात्रों को आसानी से कमरा मिल जाता है। हमारे जैसे सैकड़ों छात्र गार्ड रूम या फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं।

    सर्पदंश के आरोप, बाद में पलटे

    छात्रों ने ये भी आरोप लगाया था कि गार्ड रूम में सोते समय सांप ने छात्र को डस लिया। एएमयू प्रशासन ने छात्रों से जब इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने इससे इन्कार कर दिया। कमरे में छछूंदर होने के बारे में बताया।

    एमएचआरडी से करेंगे शिकायत

    एमएलसी एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि यह चिंता का विषय है कि छात्र जिला प्रशासन को पत्र लिख रहे हैं। कुलपति को इसकी चिंता करनी चाहिए कि किस छात्र को कमरा मिल रहा है, किसको नहीं। यह जांच का विषय है कि हिंदू छात्रों को कमरा क्यों नहीं मिला? धर्म के नाम पर कमरा बदला है तो यह गंभीर है। एमएचआरडी में बात करेंगे।

    एएमयू में पढ़ रहे राजस्थान के तीन छात्रों ने शिकायत की है। उनका कहना है कि फीस जमा होने के बाद भी कमरा नहीं मिला है। एएमयू प्रशासन को अवगत करा दिया है। एएमयू प्रशासन के अनुसार छात्रों ने जो आरोप लगाए थे वो सही नहीं हैं। अमित कुमार भट्ट, एडीएम सिटी

    आरएम हाल में अवैध रूप से रहे छात्र को नोटिस आरएम हाल में अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए बिहार के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र अब्दुल हक को प्राक्टर प्रो. एम वसीम अली ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मंगलवार को प्राक्टोरियल टीम ने सूचना पर इसे आरएम हाल से पकड़ा था। इस छात्र के पास से तमंचा और कारतूस मिले थे। यह कमरा अब्दुल नाम के दूसरे छात्र को आवंटित था। इस मामले में प्रोवोस्ट की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।

    सभी छात्र समान, किसी के साथ भेदभाव नहीं

    एएमयू छात्रों की शिकायत के बाद एएमयू प्रशासन ने डीन, डीएसडब्ल्यू प्रोवोस्ट को हबीब हाल में स्थलीय निरीक्षण के लिए भेजा। एएमयू का दावा है कि छात्रों के आरोप निराधार मिले हैं। हबीब हाल में मुख्य रूप से कृषि विज्ञान संकाय के छात्रों को छात्रावास आवंटित किया जाता है। छात्रों की संख्या उपलब्ध कमरों से अधिक होने के कारण प्रतीक्षा सूची बनाई जाती है।

    वरिष्ठता के क्रम में स्थान उपलब्ध होने पर आवंटन किया जाता है। वर्तमान में मोहम्मद हबीब हाल में 261 छात्रों की प्रतीक्षा सूची है। जिसमें वर्ष 2019-2020 के छात्र भी सम्मिलित हैं। ऐसी परिस्थिति में शिकायत कर्ता छात्रों (जिनका प्रवेश 2022-23 में हुआ है) को क्रम में आने पर ही आवंटन हो सकता है। कमरा आवंटन में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। छात्रों ने जिस सुरक्षा गार्ड के कमरे में रहने की बात बताई है, वह उन्हें आवंटित नहीं हैं। न ही इसका आवंटन किया जाता है।

    छात्रों के निरंतर व्यक्तिगत अनुरोध पर मोहम्मद हबीब हाल प्रबंधन ने उन्हें केवल मानवीय आधार पर वहां रहने की अनुमति दी थी। पंखा आदि की व्यवस्था भी कराई थी। ये बात भी गलत है कि प्रतीक्षा में उनसे कनिष्ठ छात्रों को आवंटन कर दिया गया है। छात्रों ने अधिकारियों को ये भी बताया कि उनके किसी सहपाठी के साथ सर्पदंश की घटना नहीं हुई है।

    इस तथ्य की पुष्टि जेएन मेडिकल कालेज से भी की गई है। वहां दो माह में किसी भी छात्र को सर्पदंश-उपचार के लिए नहीं लाया गया। छात्रों को आश्वस्त किया गया है कि उनकी किसी भी समस्या का नियमानुसार निराकरण कराया जाएगा।