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    Hello Doctor : दाढ़-दांतों में पायरिया हो या कीड़ा, शीघ्र कराएं उपचार

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Wed, 24 Aug 2022 08:46 PM (IST)

    रमा लाइफ केयर हास्पिटल एंड डेंटल केयर की दंत रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी शर्मा ने दी। वह बुधवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए आमंत्रित की गईं। उन्होंने न केवल बीमारियों का निदान बताया बल्कि बचाव की जानकारी भी दी।

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    दंत रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी शर्मा ने रोगों के बारे में जानकारी दी।

    अलीगढ़, विनोद भारती। खानपान की गलत आदतों और ठीक से ब्रश न करने के कारण हर दूसरा व्यक्ति दाढ़-दांत संबंधी रोगों से ग्रस्त है। सबसे ज्यादा मरीज मुंह में बदबू, दाढ़-दांतों में कीड़ा लगना, सड़न व मसूड़ों से खून के हैं। अधिकतर पायरिया के होते हैं, जो गंभीर बीमारी तो नहीं, मगर अनदेखी से गंभीर हो जाती है। समय पर उपचार अनिवार्य है। कोई भी समस्या होने पर संपर्क करें। यह सलाह क्वार्सी एटा-बाईपास स्थित रमा लाइफ केयर हास्पिटल एंड डेंटल केयर की दंत रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी शर्मा ने दी। वह बुधवार को Dainik Jagran के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए आमंत्रित की गईं। उन्होंने न केवल बीमारियों का निदान बताया बल्कि, बचाव की जानकारी भी दी।

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    मेरे तीन वर्ष के बेटे की दाढ़ में कीड़ा लग गया है। - हिमांशु तिवारी, भगवती नगर, छर्रा।

    - बोतल से दूध पीने वाले शिशुअों में यह समस्या आम है। रात में दूध पीने के बाद कुल्ला जरूर कराना चाहिए। कीड़े का तुरंत उपचार कराएं, अन्यथा दर्द बहुत परेशान करेगा। संक्रमण से दूसरे दाढ़-दांत भी प्रभावित हो सकते हैं।

    मेरे दांत झड़ने लगे हैं, बहुत परेशान हूं। - विकास, सासनी गेट।

    - दांत झड़ने के कई कारण होते हैं। पान-सुपारी खाने, ज्यादा तेज ब्रश करने के कारण ऊपरी परत घिस जाने और दांत किट-किटाने की आदत मुख्य कारण है। अनदेखी न करें परत खिसने के बाद दांतों में झनझनाहट शुरू हो सकती है। ठंड-गर्म लगने लगता है। दांत किटकिटाने (ब्राक्सिज्म) का कारण तनाव भी होता है। सोते समय नाइट गाइड लगाने से किटकिटाना बंद हो जाता है। विशेषज्ञ से संपर्क करें।

    मेरे दांतों के मध्य में दरार (गेप) खुल गई हैं। खाना फंस जाता है। - कुलदीप, बेगमबाग।

    - सुबह और रात को सोेते समय साफ्ट ब्रश से सफाई अवश्य करें। गेप खत्म करने के लिए फीलिंग करा लें।

    सात-आठ वर्ष से पायरिया है। अब दांत हिलने लगे हैं। - राधेश्याम, सारसौल।

    - मशीन से सफाई कराएं। बच्चों और बुजुर्गों को वर्ष में दो से तीन बार व अन्य को दो बार तक सफाई करानी चाहिए। ब्रश से दांतों के कोने में लगा भोजन नहीं हट पाता। सफाई के बाद हिलने का इलाज होगा। वायरिंग विधि से भी दांतों का हिलना रोका जाता है।

    रोज ब्रश करती हूं। फिर भी मसूड़ों में खून आता है। मसूड़े फूल भी जाते हैं। - सुनीता देवी, मऊआ, इगलास।

    - यह पायरिया के लक्षण हैं, जिसका कारण ठीक से सफाई न हो पाना है। वर्ष में दो बार डेंटल क्लीनिक जाकर सफाई अवश्य कराएं।

     दांतों में पायरिया लग गया था। अब मसूड़े नीचे आ गए हैं। - सीमा, धनीपुर।

    ऐसा लगता है कि पायरिया के दौरान आपने तेज ब्रश से सफाई की, इससे मसूड़ों का नुकसान हुआ है। चिकित्सक से संपर्क करें। एक्स-रे से पता चलेगा कि जड़ों को नुकसान तो नहीं पहुंचा है।

    मेरी आयु 80 वर्ष है। दांत के जोड़ में दर्द रहता है। - धर्मपाल सिंह, सोमना।

    - वृद्धावस्था और पायरिया के कारण यह समस्या हो जाती है। दांतों की सफाई कराएं।

    दांतों में पीलापन का कारण

    डा. शालिनी ने बताया कि काफी लोग पीले दातों की समस्या लेकर आते हैं। काफी, चाय, कोल्डड्रिंक, फ्लेवर युक्त खानपान, साफ-सफाई की अनदेखी, दवा, स्मोकिंग, तंबाकू आदि से दांत पीले हो जाते हैं। डेंटल स्केलिंग (सफाई), ब्लीचिंग, लेजर व वैनर्स (कैप) से पीलापन का इलाज होता है।

    इन्होंने लिया परामर्श

    शंकर विहार से अनीता, क्वार्सी से मीनाक्षी, सरस्वती विहार से वीपी चौहान, सराय अली अतरौली से जागेंद्र, नगला किला से राशिद नूर, ज्वालापुरी से चंद्रपाल वर्मा, गभाना से राकेश कुमार, सराय दीनदयाल से अजय वार्ष्णेय, श्याम नगर से हेमंत शर्मा, नगला पला से नारायण सिंह, महावीर गंज से महेंद्र पाल आदि।