दोस्त की मृत्यु की खबर सुन आया हार्ट आटैक, इलाज के दौरान फ्रेंड की मौत
सड़क हादसे में घायल युवक के छह दिन तक जीवित रहने की उम्मीद थी, लेकिन शनिवार की सुबह उसकी मृत्यु की खबर आ गई। यह खबर उसके जिगरी दोस्त और आसपास क ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, गभाना। छह दिन पहले सड़क हादसे में युवक के घायल होने की खबर ही दिल को झकझोर देने वाली थी। सब दुआ कर रहे थे कि वह बच जाए, ज़िंदगी फिर मुस्कुरा उठे। लेकिन शनिवार की सुबह जैसे क़हर बनकर आई। निधन की खबर सुनकर उसके जिगरी दोस्त के लिए मानो दुनिया ही थम गई।
जिस यार के साथ सही-खुशी लंबा समय गुजारा, सपने और अनगिनत यादें जुड़ी थीं, उसके जाने का सदमा वह सह नहीं पाया। दिल पर ऐसा गहरा आघात लगा कि उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। स्वजन निजी अस्पताल ले गए, मगर किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कारण हृदयघात बताया गया।
गांव हसनपुर के 36 वर्षीय हरीश कुमार एनटीपीसी प्लांट दशहरा, अरनियां, बुलंदशहर में नौकरी करते थे। सात दिसंबर को गांव के ही योगेंद्र कुमार के साथ बाइक से किसी काम से अलीगढ़ गए थे। वापसी में हाइवे पर पलासल्लू पर कार ने बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में हरीश व योगेंद्र घायल हो गए। स्वजन ने उन्हें जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। जहां शनिवार सुबह हरीश ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
हरीश के गांव के रहने वाले 42 वर्षीय प्रमोद कुमार उनके जिगरी दोस्त थे। उन्हें सुबह जब हरीश की मौत की खबर मिली तो गहरा सदमा लगा। अचानक सीने में तेज दर्द की शिकायत पर स्वजन उन्हें कस्बा गभाना में निजी चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे।
जहां चिकित्सकों ने प्रमोद को मृत घोषित कर दिया। दो दोस्तों की चंद घंटों में मौत की खबर से गांव में मातम पसर गया। देर शाम दोनों के शव का अंतिम संस्कार किया गया। हरीश दो व प्रमोद तीन बच्चों के पिता थे।

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