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    Ghebar in Sawan: चाकलेटी खुशबू घेवर की खुशबू से महक रहे हाथरस के बाजार, दो महीने पहले से बना रहे हलवाई

    By Sandeep Kumar SaxenaEdited By:
    Updated: Tue, 09 Aug 2022 02:26 PM (IST)

    Chocolatey Ghevar सावन के त्योहार शुरू होते ही बाजार घेवर की खुशबू से महकने लगे हैं। बाजारों में दुकानों पर तैयार हो रहे घेवर की महक अपनी ओर आकर्षित कर रही है। शहर में इन दिनों जगह-जगह घेवर की दुकानें सज गई हैं।

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    Ghebar in Sawan सावन में हाथरस के बाजार घेवर की खुशबू से महकने लगे हैं।

    हाथरस, जागरण संवाददाता। सावन के त्योहार शुरू होते ही बाजार घेवर की खुशबू से महकने लगे हैं। बाजारों में दुकानों पर तैयार हो रहे घेवर की महक अपनी ओर आकर्षित कर रही है। शहर में इन दिनों जगह-जगह घेवर की दुकानें सज गई हैं। रक्षाबंधन के लिए दुकानदारों ने घेवर का स्टाक जमा करना शुरू कर दिया है।

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    सावन में सबसे अधिक पसंद मिष्ठान है घेवर। इसकी बिक्री सावन से एक माह पूर्व ही शुरू हो जाती है।

    मैदा से निर्मित घेवर

    मैदा से निर्मित घेवर का रक्षाबंधन पर्व पर विशेष क्रेज रहता है। इसके बाद इसकी बिक्री ठंडी पड़ जाती है। हर घर में इस मिष्ठान की डिमांड बनी रहती है। नाते रिश्तेदारों को भी यही मिष्ठान आदर-सत्कार के रूप में परोसा जाता है। मैदा से निर्मित यह मिष्ठान लोगों के बीच बहुत पसंद किया जाता है। हाथरस के घेवर की तो दूर-दूर तक मांग रहती है।

    रक्षाबंधन पर खत्म हो जाएगा सारा स्टाक

    मिष्ठान विक्रेताओं की दुकानों पर घेवर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। दुकानों के सामने ही कारीगर सुलग रहीं भट्ठियों पर घेबर के छत्ते बनाने में लगे हुए हैं। प्रमुख दुकानों पर घेवर बनाने का कार्य उनके गोदामों में किया जा रहा है। पर्व के नजदीक आते देख कारीगरों की संख्या बढ़ा दी गई है। वहीं कुछ दुकानदारों ने तो कारीगरों के नहीं मिलने से अन्य मिष्ठान रोककर घेबर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

    लोगों को भा रहा केसर वाला घेवर

    हलवाई बताते हैं कि मक्खन व मैदा का घोल बनाकर उसे घी की कढ़ाई में लगे सांचों में डालकर गोलाकार छत्ते तैयार किए जाते हैं। इन छत्तों को स्टाक कर लिया जाता है। बिक्री के समय इन छत्तों में मावा के साथ केशर, काजू व अन्य ड्राइफ्रूट लगाया जाता है। घेवर में सादा, मावा वाला, केसर वाला व चाकलेटी घेवर ग्राहकों को बहुत पसंद आ रहा है। इसके साथ मैदा व घी से बनी फैनी की भी खरीदारी हो रही है।

    ये रहे घेवर के दाम

    घेवर, कीमत रुपये प्रति किलो

    सादा, 460

    मावा वाला, 460

    केशर वाला, 480

    चाकलेटी, 460

    फैनी, 460

    पब्लिक के बोल

    सावन में सबसे अधिक घेवर को ही पसंद किया जाता है। इसकी सभी घरों में मांग रहती है। इसकी खरीदारी सावन से एक माह पहले से ही हो जाती है।

    - पूरन, ग्राहक

    रक्षाबंधन का पर्व घेवर से ही मनाया जाता है। नाते-रिश्तेदारियों में दो माह तक घेवर मिष्ठान के रूप में ले जाया जाता है। दुकानों पर अब बिक्री तेज हो गई है।

    -रामनारायण गोयल, ग्राहक

    घेवर की डिमांड पूरी करने के लिए कारीगरों की संख्या बढ़ा दी गई है। घेवर की बिक्री धीरे-धीरे बढ़ रही है। सबसे अधिक बिक्री रक्षाबंधन पर्व पर होगी। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं।

    -देवेंद्र शर्मा, दुकानदार

    घेवर को देशी घी और मावा से तैयार कराया जा रहा है। ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार सादा, मावा वाला घेवर व फैनी खरीद रहे हैं। उचित कीमत पर ग्राहकों को इसकी बिक्री की जा रही है।

    -रामेश्वर दयाल उर्फ रम्मो गुरु, दुकानदार