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    Hariyali Teej 2023: पति की लंबी आयु की कामना के लिए हरियाली तीज का व्रत, रवि योग के संयोग में करें पूजा

    Hariyali Teej 2023 अलीगढ़ में हरियाली तीज पर कार्यक्रम होंगे। सेंटर प्वाइंट स्थित टीकाराम मंदिर के महंत राजू पंडित ने बताया कि में शाम को सीताराम जी का झूला पड़ेगा। यहीं पर पूजा की जाएगी। महंत पंकज गोस्वामी के अनुसार अचलेश्वर महादेव मंदिर पर बाबा का दुर्लभ श्रंगार 5100 लड्डुओं का भोग और 11 हजार बत्तियों द्वारा आरती की जाएगी।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 19 Aug 2023 10:10 AM (IST)
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    पति की लंबी आयु की कामना के लिए मनाएंगी हरियाली तीज

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शनिवार को हरियाली तीज मनाई जाएगी। तृतीया तिथि शुक्रवार की रात आठ बजे से शुरू हो गई थी। जोकि शनिवार रात 10:19 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के हिसाब से शनिवार को ही मनाई जाएगी। सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और कुंवारी सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए यह व्रत रखतीं हैं।

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    भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए किया था कठोर तप

    मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था और इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने इसी दिन भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। पूजा का समय वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी के अनुसार हरियाली तीज पर रवि योग का संयोग बन रहा है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07:30 बजे से 09:08 तक तथा उसके बाद दोपहर 12:25 बजे से शाम 05:19 बजे तक रहेगा।

    इस तरह करें पूजा

    सोलह श्रंगार के साथ हरे रंग के वस्त्र पहनकर एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती को स्थापित करके विधि विधान से पूजन अर्चन करने के बाद हरियाली तीज कथा का पाठन और श्रवण करें। अंत में आरती कर सुंदर पकवानों का भोग लगाएं प्रसाद वितरित करके सौभाग्य का आशीर्वाद भगवान शिव से लेकर व्रत खोलें। प्राकृतिक असंतुलन को देखते हरियाली तीज सहित आने वाले हर पर्व पर एक पौधा लगाकर उसका रख-रखाव भी अवश्य करें।

    ये होंगे कार्यक्रम

    श्री वार्ष्णेय मंदिर मे हरियाली तीज पर हरियाली छटा का कार्यक्रम रहेगा। सुबह से ही सभी विग्रह हरे परिधानों मे दर्शन देंगे। प्रवक्ता भुवनेश वार्ष्णेय ने बताया कि शाम को सवामनी भोग प्रसाद के साथ सभी विग्रहों की विशेष आरती की जाएगी। अचल ताल पर पारंपरिक मेला लगेगा।