जिप्सम से दूर होगी जमीन की ऊसरता, बढ़ेगी पैदावार, जानिए पूरा मामला Hathras News
हाथरस जागरण संवाददाता। रासायनिक खाद व कीटनाशकों के प्रयोग से जमीन की उर्वरकता लगातार गिर रही है। इसका असर पैदावार पर भी पड़ रहा है। जमीन की ऊसरता खत्म करने और पैदावार बढ़ाने के लिए के लिए जिप्सम का प्रयोग बहुत जरूरी है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। रासायनिक खाद व कीटनाशकों के प्रयोग से जमीन की उर्वरकता लगातार गिर रही है। इसका असर पैदावार पर भी पड़ रहा है। जमीन की ऊसरता खत्म करने और पैदावार बढ़ाने के लिए के लिए जिप्सम का प्रयोग बहुत जरूरी है। सरकार द्वारा इसे किसानों को 75 फीसद अनुदान पर दिया जा रहा है। अत्यधिक पैदावार को लेकर किसान रासायनिक खाद व कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं। किसान पोटेशियम, नाइट्रोजन व फास्फोरस का प्रयोग तो किया जा रहा है। वहीं सल्फर व कैल्शियम तत्वों की अनदेखी की जा रही है। इसका सीधा असर अपक्षरणीय, बहुफसलीय खेती वाली जमीन पर अधिक पड़ रहा है। पोषक तत्वों की कमी होने पैदावार भी लगातार घट रही है। धीरे-धीरे यह समस्या किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
जिप्सम से बढ़ता है पोषक तत्वों का अनुपात
संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन में कैल्शियम एवं सल्फर मुख्य अपव्यय हैं। इनमें जिप्सम एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसका प्रयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसमें में से है जिनकी पूर्ति के अनेक स्त्रोत है इनमें से जिप्सम एक महत्वपूर्ण उर्वरक है। जिप्सम कैल्शियम सल्फेट में 23.3 फीसद व 18.5 फीसद सल्फर होता है। यह आयन बनाता है। इससे रासायनिक व भौतिक अवस्था सुधरती है।
बुवाई से पहले करें प्रयोग
खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए जिप्सम प्रयोग फसल की बुवाई से पहले करना चाहिए। खेत को जरूरत के अनुसार गहरी जुताई कर तैयार करने के बाद ही उसमें जिप्सम का बुरकाव करते हैं। दलहनी फसल में 15 किग्रा और सामन्य फसल में 10-15 किग्रा प्रति हैक्टेयर कैल्शियम कैल्शियम प्रति हैक्टेयर भूमि से लेती है। इससे जमीन की क्षारीयता कम होती है।
किसानों को 75 फीसद अनुदान पर मिलेगा जिप्सम
खेतों की ऊसरता कम करने के लिए जिप्सम का प्रयोग बहुत जरूरी है। कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए जिप्सम 75 फीसद अनुदान पर जिले के सभी सातों ब्लाक के राजकीय बीज भंडार से वितरित किया जा रहा है। कृषि उपनिदेशक एचएन सिंह ने बताया कि जिले में 208 मीट्रिक टन जिप्सम जिले को प्राप्त हो चुका है। किसान वहां से नियमानुसार जिप्सम प्राप्त कर सकते हैं।