शुगर के मरीजों के लिए अच्छी खबर: जौ के रस्क से नियंत्रित करिए डायबिटीज, एएमयू में हुआ शोध, मिले चौंकाने वाले परिणाम
एएमयू के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज में हुए एक शोध में पाया गया है कि जौ और रागी जैसे मोटे अनाज डायबिटीज नियंत्रण में प्रभावी हैं। शोध में 90 प्रीडायबिटि ...और पढ़ें

संतोष शर्मा, अलीगढ़। अगर आप डायबिटीज मरीज हैं और जौ, रागी जैसे मोटे अनाजों से दूरी बनाए हुए हैं तो इस आदत को छोड़ दें। दोनों ही अनाज डायबिटीज नियंत्रण में प्रभावी हैं।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के इलाज-बित-तदबीर विभाग में हुए शोध में जौ के रस्क (पापे) खाकर मरीजों ने डायबिटीज पर काबू पाया है।
तीन समूह में हुए शोध में जिन रोगियों को नाश्ते में रस्क दिए उनकी डायबिटीज अन्य मरीजों की तुलना में काफी हद तक नियंत्रित हुई।
90 प्रीडायबिटिक रोगियों पर किया गया अध्ययन
अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के इलाज-बित-तदबीर विभाग में यह शोध विभागाध्यक्ष प्रो. आसिया सुल्ताना के देखरेख में शोध छात्रा डा रफ़त अफज़ल ने किया। यह अध्ययन 90 प्रीडायबिटिक रोगियों पर किया गया।

इसके लिए 30-30 मरीजों के तीन समूह बनाए। समूह-ए को स्टेटिक साइकिलिंग के साथ रागी के बने रस्क दिए। समूह-बी को स्टैटिक साइकिलिंग के साथ जौ के रस्क दिए और समूह-सी को केवल स्टेटिक साइकिलिंग पर रखा गया। मरीजों को हर रोज सुबह नाश्ते में चार-चार पापे दिए गए।
जीवनशैली में बदलाव की सलाह
तीनों समूहों को परंपरा के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव की सलाह भी दी गई। तीन महीने बाद चौंकाने वाले परिणाम आए। जौ के रस्क खाने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा सुधार देखने को मिला।
रागी के पापे खाने वाले मरीजों में उससे कम और केवल व्यायाम करने वाले मरीजों में उन सभी से कम असर दिखा। शोध में पाया गया कि रागी और जौ, अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च पोषण मूल्य के कारण, रक्त शर्करा नियंत्रण में अत्यधिक प्रभावी हैं।
इन्हें डायबिटीज रोगियों की दैनिक आहार योजना में शामिल करने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और जीवनशैली संबंधी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।
जौ ब्लड शुगर लेवल करता है कंट्रोल
जौ में भारी मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है।, जो ग्लूकोज के अवशोषण को स्लो कर देता है। जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। बीपी और कोलेस्ट्राल को कम करने में मदद करता है। नियासिन, थायमिन, मैग्नीशियम और आयरन जैसे विटामिन और खनिज भी होते हैं, जो विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
रागी में उच्च मात्रा में होती है प्रोटीन
रागी में उच्च मात्रा में प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, फाइबर और विटामिन होते हैं। सभी अनाजों की तुलना में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। चावल की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को धीरे-धीरे बढ़ाता है।
मरीजों में जौ और रागी का इस्तेमाल अहम साबित हुआ है। इसे देखते हुए भारत सरकार की ओर से प्रोजेक्ट मिला है। अभी यह शोध 90 मरीजों पर हुआ था, अब 300 मरीजों पर होगा। इसके लिए दो साल का समय दिया है।
- प्रो. आसिया सुल्ताना, विभागध्यक्ष, इलाज-बित-तदबीर विभाग एएमयू


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