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आगरा-अलीगढ़ के बीच सफर होगा और आसान, बनेगा फोरलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, अभी है टू लेन रोड

Greenfield Expressway कहां होकर निकलेगा इसके लिए तैयार की जाएगी डीपीआर। खंदौली पर यमुना एक्सप्रेसवे व अलीगढ़ में जीटी रोड से जुड़ेगा। पहले से बना है टू लेन रोड इससे अलग खेतों से निकलेगा नया रास्ता। अभी ढाई से तीन घंटे तक का लगता है समय।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Tue, 04 Apr 2023 12:27 PM (IST)Updated: Tue, 04 Apr 2023 12:31 PM (IST)
Greenfield Expressway: अलीगढ़-आगरा के बीच बनेगा फोरलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे।

अलीगढ़, जागरण टीम, (केसी दरगड़)। अलीगढ़ और आगरा के बीच का सफर को सुगम बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का फोरलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है। यह खंदौली पर यमुना एक्सप्रेसवे और अलीगढ़ में दिल्ली-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से शहर से बाहर जुड़ेगा। इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जाएगी। अभी एजेंसी तय नहीं हुई है। यही एजेंसी सर्वे कर एक्सप्रेसवे का रूट बनाकर देगी। उसी नक्शे के आधार पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। आगरा-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग अलीगढ़ होकर गुजरता है।

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अभी लगते हैं ढाई से तीन घंटे

अलीगढ़ से आगरा जाने के लिए मडराक, सासनी, हाथरस, सादाबाद, खंदौली होते इसी हाईवे का हिस्सा है। 85 किलोमीटर लंबे मार्ग को तय करने में ढाई से तीन घंटे का समय लग जाता है। इस टू लेन हाईवे पर मडराक और बरौस पर टोल वसूला जाता है। हाईवे फोरलेन करने की मांग चल रही है, जो पूरी नहीं हो पाई है। विभाग के अनुसार टू लेन हाईवे यही रहेगा। इससे अलग खंदौली से हाथरस की सीमा में होते हुए अलीगढ़ में दिल्ली कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शहर के बाहर जोड़कर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रस्तावित है।

ये है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे

सितंबर 2015 में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने ‘हरित राजमार्ग नीति’ यानी ग्रीन हाईवे पालिसी की घोषणा की थी। इसी का अनुसरण कर नेशनल ग्रीन हाइवेज मिशन की शुरुआत हुई। इस परियोजना का उद्देश्य राज्यों में सुरक्षित व हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों का विस्तार करना है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे आबादी से बचते हुए खेतों में होकर बनाए जाते हैं। इन्हें ग्रीन कारिडोर भी कहा जाता है।

पर्यावरण का ध्यान रखकर इनके दोनों किनारे सघन पौधारोपण किया जाता है। दो मीटर के डिवाइडर पर भी हरियाली के लिए पौधारोपण किया जाएगा। माना जाता है कि वृक्ष वाहनों से होने वाले ध्वनि व वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करते हैं और मार्ग के दोनों ओर मिट्टी के कटाव को रोककर हाईवे को मजबूती देते हैं।

अलीगढ़-आगरा टू लेन हाईवे से अलग नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित है। यमुना एक्सप्रेसवे पर खंदौली से हाथरस जिले की की सीमा में होते हुए दिल्ली कानपुर एक्सप्रेस से अलीगढ़ शहर के बाहर जोड़कर बनाया जाएगा। इसके लिए डीपीआर का इंतजार है। संजय वर्मा, परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण 


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