Aligarh News : नई तकनीक से जुड़ेंगे अलीगढ़ के किसान, फसलों के उपचार को ड्रोन भरेगा उड़ान
Aligarh News फसलों पर दवा के छिड़काव के लिए अब अलीगढ़ के किसान ड्रोन प्रयोग करेंगे। अब किसानों को कंधों पर स्प्रिंकलर मशीन लादकर जहरीली दवा के छिड़काव का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा। सरकार ने यहां किसानों के लिए चार ड्रोन आवंटित किए हैं।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । Aligarh News : फसलों के उपचार की पुरानी परंपराओं पर निर्भर किसान अब नई तकनीक से जुड़ेंगे। जनपद में पहली बार किसानों को ड्रोन की सुविधा मिलने जा रही है। ड्रोन की मदद से किसान कम समय में फसलों पर छिड़काव कर सकते हैं। कंधों पर स्प्रिंकलर मशीन लादकर जहरीली दवा के छिड़काव का जोखिम भी उठाना नहीं पड़ेगा। सरकार ने यहां किसानों के लिए चार ड्रोन आवंटित किए हैं। इन पर चार से साढ़े सात लाख रुपये तक अनुदान है। किराए पर ड्रोन उड़ाकर किसान अतिरिक्त आय भी कर सकते हैं। कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) को भी ये सुविधा मिलेगी।
धान के खेत में होती थी दिक्कत
किसान परंपरागत तरीके से ही फसलों पर दवा का छिड़काव करते आ रहे हैं। स्प्रिंकलर मशीन कंधे पर लादकर वे खेतों में घुस जाते हैं। इसमें मशक्कत करनी पड़ती है, जोखिम भी रहता है। जहरीली दवा के संपर्क में आने से किसान बीमार पड़ जाते हैं। पूर्व में ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। गन्ना, अरहर की फसल ऊंची व घनी होने के कारण सही ढंग से छिड़काव नहीं हो पाता। धान के खेत में कीचड़ मुश्किलें बढ़ाती है। कीटनाशक के छिड़काव का किसानों के पास कोई और विकल्प नहीं था। ड्रोन बेहतर विकल्प साबित होगा। ड्रोन एक बार उड़ान भरकर लगभग 20 एकड़ के दायरे में दवा का छिड़काव कर सकता है।
पांच मिनट में पूरे खेत में दवा का छिड़काव
एफपीओ कोमोलिका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने पिछले दिनों लोधा के गांव भमरोला में इसका परीक्षण भी कराया था। दिल्ली की कंपनी ने ड्रोन की मदद से पांच मिनट में पूरे खेत में छिड़काव कर दिया। ये तकनीक किसानों को काफी भायी। अब सरकार अनुदान पर ड्रोन उपलब्ध करा रही है। कृषि विभाग द्वारा इसके लिए पांच एफपीओ के नाम शासन में भेजे गए थे। जनपद के लिए चार ड्रोन का आवंटन हुआ है। इनमें दो ड्रोन किसानों के लिए, एक एफपीओ व एक समिति के लिए आवंटित हुए हैं।
50 मीटर तक उड़ान
ड्रोन 50 मीटर उड़ान भरकर दवा का छिड़काव करेगा। सुविधानुसार इसे नीचे भी किया जा सकता है। ड्रोन में 15 लीटर दवा आती है, जो एक खेत के लिए पर्याप्त है। अरहर, गन्ना, धान पर छिड़काव करने में परेशानी नहीं होगी। फसलों पर समान रूप से छिड़काव हो सकेगा। दवा भी कम लगेगी। ड्रोन विधि तब अधिक कारगर होगी, जब सामान्य गति से हवा चल रही हो। तेज हवा में ऊपर से गिराई गई दवा उड़कर दूसरी ओर जा सकती है।
पोर्टल पर बुकिंग
ड्रोन की बुकिंग कृषि विभाग के ‘किसान पारदर्शी पोर्टल’ पर करनी होगी, जो एक सप्ताह के अंदर कंफर्म होगी। बुकिंग कब होनी है, इसके लिए कृषि विभाग द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। पहले आओ पहले पाओ की नीति से लाभार्थियों को ड्रोन उपलब्ध होंगे।
ड्रोन से कई लाभ
- कम समय में एक समान दवा का छिड़काव
- दूर खड़े होकर छिड़काव करा सकेंगे किसान
- तरल और ठोस उर्वरकों का आसानी से छिड़काव
- खेतों और जंगलों में बीजों का छिड़काव
- फसल को कीटों के आक्रमण से बचाव
- रोग व कीटों के स्तर की जांच व उपचार
- खेतों की भौगोलिक स्थिति का आकलन करना
ड्रोन पर अनुदान
- 04 ड्रोन का जनपद में आवंटन
- 10 लाख रूपये है ड्रोन का मूल्य
- 7.50 लाख रूपये का अनुदान एफपीओ को
- 05 लाख रुपये का अनुदान किसानों को
- 04 लाख रुपये का अनुदान समिति को
इनका कहना है
जनपद में पहली बार किसानों को ड्रोन की सुविधा मिलने जा रही है। अनुदान पर चार ड्रोन आवंटित किए गए हैं। पोर्टल पर जल्द ही बुकिंग शुरू होगी। पहले आओ पहले पाओ की नीति पर ड्रोन उपलब्ध होंगे।
- अभिनंदन सिंह, जिला कृषि अधिकारी