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    फकीर बाबा बोले इस्लामिक देशों में नरक भोगरहे हैैं अल्पसंख्यक

    By Mukesh ChaturvediEdited By:
    Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:53 PM (IST)

    रत में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का जो व्यक्ति विरोध कर रहे हैं वे पाकिस्तान अफगानिस्तान व बांग्लादेश जाकर देखें।

    फकीर बाबा बोले इस्लामिक देशों में नरक भोगरहे हैैं अल्पसंख्यक

    अलीगढ़ [जेएनएन] : भारत में नागरिक संशोधन कानून (सीएए) का जो व्यक्ति विरोध कर रहे हैं वे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश जाकर देखें कि हिंदू व अन्य अल्पसंख्यकों पर क्या अत्याचार व अनाचार हो रहा है। इन इस्लामिक देशों में हिंदू अल्पसंख्यक नरक भोग रहे हैं। बांग्लादेश में तो हर साल पता नहीं कितनी अल्पसंख्यक महिलाएं व युवतियां वैश्यावृत्ति में धकेल दी जाती हैं। यह कहना है कि प्रतिष्ठित अंग्र्रेजी मैग्जीन के खोजी पत्रकार, देश-विदेश के कई कॉलेजों में शिक्षक रहे फकीर बाबा का। 

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    आने-जाने वालों पर पत्थर फेंक रहा था

    नौरंगाबाद की टीकमनगर कॉलोनी के रहने वाले फकीर बाबा 70 से ज्यादा देशों का भ्रमण कर चुके हैं। रविवार को अपने आवास पर दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान काबुल के पास उन्होंने विक्षिप्त सरदार को देखा, जो आने-जाने वालों पर पत्थर फेंक रहा था। पूछने पर पता चला कि इसकी चार बहनें थी, जिन्हें कïट्टरपंथी जबरन उठाकर ले गए। तीन बहनें चीन में बेच दीं। एक का पता नहीं। बहनों का कोई पता नहीं चला तो वह पागल हो गया। 

    पाकिस्तान के लाहौर में महिला से भेंट हुई

    बांग्लादेश में रोहिंग्या मुस्लिमों पर शोध करते समय चटगांव के पास एक 20-22 साल की युवती को एक अधेड़ उम्र की अद्र्धनग्न महिला बुरी तरह पीट रही थी। पास ही खड़े एक ड्राइवर से पूछने पर पता चला कि यह पश्चिम बंगाल का दलित हिंदू परिवार है। इस महिला ने युवती को उसे दो टके में बेचा है, मगर युवती भाग आई। फकीर बाबा ने बताया कि उन्होंने व उनके साथियों ने ड्राइवर को अपने पास से कुछ डॉलर व अन्य सामान देकर युवती को छुड़ाया। पता चला कि सिलट, खुलना व चटगांव में ऐसे अनगिनत परिवार वैश्यावृत्ति को मजबूर हैं। 15 साल पहले पाकिस्तान के लाहौर में सीमा (बदला नाम) नामक महिला से भेंट हुई। उसने बताया कि वह एमए इंग्लिश कर रही थी। एक युवक उसे अगवा कर पेशावर ले गया। उसके साथ क्रूरता की, डरी-सहमी सीमा से दुष्कर्म किया। गर्भवती हुई तो फिर वापस घर नहीं लौटी। फकीर बाबा ने कहा कि देशवासियों को चाहिए कि वे सीएए व राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का विरोध न करें।