Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाम ऑयल और मोम से बनाया जा रहा था देसी घी? खाद्य व‍िभाग की टीम ने छापा मारकर बरामद क‍िया 1.86 क्‍व‍िंटल पैक्ड और खुला घी

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:31 PM (IST)

    मुरादाबाद में नकली अंडे, गोरखपुर में रंगे हुए भुने चने पकड़े जाने के बाद अलीगढ़ में नकली देसी घी की फैक्‍ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। वनस्पति, कर्नेल पाम ...और पढ़ें

    Hero Image

    डि‍जिटल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। मुरादाबाद में नकली अंडे, गोरखपुर में रंगे हुए भुने चने पकड़े जाने के बाद अलीगढ़ में नकली देसी घी की फैक्‍ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। वनस्पति, कर्नेल पाम ऑयल और रसायन से देसी घी बनाया जा रहा था। पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापा मारकर 1.86 कुंतल पैक्ड व खुला घी बरामद किया है। नामचीन कपंनी के रैपर व पाउच भी मिले हैं। फैक्ट्री संचालक और उसके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज द‍िया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    अलीगढ़ के धनसिंहपुर रोड पर संचालित एक जिम की ऊपरी मंजिल पर गंगीरी के शैलेश माहेश्वरी एसकेएम ट्रेडर्स नामक फैक्ट्री चला रहे थे। इनका बेटा शिवम गांवों व छोटे कस्बों में नकली घी की सप्लाई करता था। शिकायत के आधार पर पुलिस ने घर पर सो रहे शैलेश माहेश्वरी व उनके बेटे शिवम को हिरासत में ले लिया।

    पहले इनसे पूछताछ की गई। फिर फैक्ट्री ले गए। इन्होंने काफी देर चाबी नहीं दी। वे गुमराह करते रहे। तब संयुक्त टीम ने फैक्ट्री के ताले तोड़कर जांच शुरू की। अंदर नकली घी बनाने के प्रमाण बिखरे पड़े थे।

    सहायक आयुक्त अजय कुमार जायसवाल के मुताबि‍क, डेयरी मिल्क घी के 26 टेट्रा पैकेट (एक-एक किलो के), एसकेएम अमृत प्रीमियम क्वालिटी के 95 पैकेट (एक-एक किलो के) और डेयरी मिल्क घी के 11 पैकेट (500-500 ग्राम के) सहित कुल 132 पैकेट बरामद किए हैं। 23 लीटर कर्नेल आयल, पांच किलो मोम जैसा अज्ञात रसायन, पांच किलो वनस्पति और भगोने में लगभग 60 किलो विनिर्मित घी और पैकिंग संबंधी सामग्री भी मिली है। आठ नमूने संग्रहित किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है। थानाध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि शैलेश कुमार और उनके पुत्र शिवम माहेश्वरी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। दोनों को जेल भेजा गया है।

    बता दें, कई महीने से कस्बे में नकली घी बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। वनस्पति, कर्नेल पाम आयल और रसायन से देसी घी बनाया जा रहा था। करीब दो सौ से ढाई सौ रुपये लीटर में तैयार किए जाने वाले इस घी को आठ सौ से एक हजार रुपये तक में बेचा जाता था।