माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों का कोर्स पूरा कराने के लिए कवायद, एक दिन पहले पाठ्य सामग्री, छह घंटे पढ़ा Aligarh news
माध्यमिक विद्यालयों में अब छात्र-छात्राओं को एक दिन पहले वाट्सएप पर पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जाएगी। ...और पढ़ें

जेएनएन, अलीगढ़ : माध्यमिक विद्यालयों में अब छात्र-छात्राओं को एक दिन पहले वाट्सएप पर पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जाएगी। अगले दिन क्या पढ़ाया जाना है? इसकी विषय वस्तु को मिलेगी। छात्र-छात्राओं को सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक छह घंटे ऑनलाइन पढ़ाई कराई जाएगी। कोर्स पूरा कराने के लिए शासन से ये कवायद की गई है। प्रधानाचार्य वाट्सएप ग्रुप पर अनिवार्य रूप से जुड़ेंगे। डीआइओएस धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि शिक्षक हर दिन पाठ योजना यानी लेसन प्लान तैयार करेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट व दीक्षा पोर्टल से ई-पुस्तक डाउनलोड कर वाट्सएप पर विद्यार्थियों को मुहैया कराई जाएंगी। प्रधानाचार्य डीआइओएस पोर्टल पर मौजूद वीडियो अपने संस्थान के शिक्षकों को मुहैया कराएंगे। पोर्टल पर छोटे-छोटे वीडियो अपलोड किए गए हैं जो हाईस्कूल व इंटर के विद्यार्थियों के लिए लाभकारी हैं।
शिकायत मोबाइल पर
माध्यमिक विद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थी लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े हैं। ऐसे विद्यार्थी जो ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि नहीं लेते या समय से ऑनलाइन क्लास से नहीं जुड़ते तो इनकी शिकायत वाट्सएप ग्रुप पर अभिभावकों के पास भेजी जाएगी। डीआइओएस ने बताया कि साप्ताहिक रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह छात्रों को चिह्नित किया जाएगा। उनके अभिभावकों को मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा। उस पर जवाब भी मांगा जाएगा। क्योंकि ऐसा भी अंदेशा रहना स्वाभाविक है कि मोबाइल विद्यार्थी के हाथ में हो और वो शिकायत संदेश को डिलीट कर दे। दो-तीन बार शिकायत भेजी जाएगी। जवाब नहीं मिलता तो सीधे अभिभावक से फोन पर बात कर स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
कॉपी चेक करने का सुझाव
बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन पर संशय बना हुआ है। कुछ शिक्षकों ने घर से कॉपी चेक करने की व्यवस्था बनाने के सुझाव भी बोर्ड के पास भेजे हैं। मगर इस पर सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। वित्तविहीन शिक्षक महासभा उत्तरप्रदेश के महामंत्री नीरज शर्मा ने बताया कि उनके पास भी कई शिक्षकों के सुझाव आए हैं कि घर पर कॉपी चेक करवाई जाएं।
बीएड अभ्यर्थियों का होगा माइक्रो टीचिंग से सामना
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से संबद्ध कॉलेजों से बीएड कर रहे अभ्यर्थियों का माइक्रो टीचिंग यानी सूक्ष्म शिक्षण से सामना होगा। लॉकडाउन के चलते बीएड की पढ़ाई कर रहे अभ्यर्थियों के किसी बच्चे की स्टडी केस व अन्य असाइनमेंट पूरे नहीं हो पा रहे हैं। इस केस स्टडी व असाइनमेंट के नंबर वार्षिक परीक्षा में जुड़ते हैं। बीएड सत्र 2018-20 के अभ्यर्थियों का दूसरा सत्र लॉकडाउन में बीत रहा है। न तो वे किसी बच्चे की केस स्टडी करने जा पा रहे हैं और न ही कक्षाओं में पढ़ाई कराने के अनुभव ले पा रहे हैं। एसवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पंकज कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि सूक्ष्म शिक्षण के जरिए इस समस्या को हल किया जा सकता है। डीएस, एसवी व टीआर डिग्री कॉलेजों के अपने इंटर कॉलेज भी हैं। बीएड अभ्यर्थियों को इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को माइक्रो टीचिंग के जरिए पढ़वाया जाएगा। निरीक्षक उनके शिक्षण कौशल का अध्ययन कर रिपोर्ट देंगे।

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