Cancer : हर साल दो गुना हो रहे कैंसर के मरीज, मुंह और गले के रोगियों की संख्या ज्यादा, ये है वजह Aligarh News
Cancer सेहत पर बीमारी हावी हो रही हैं। कैंसर ने तो इस कदर जकड़ना शुरू कर दिया है कि हर साल रोगियों की संख्या दो गुना बढ़ रही है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिव ...और पढ़ें

अलीगढ़, जेएनएन। आधुनिक खानपान व रहन सहन ने इंसान को इस कदर बदल दिया है कि सेहत पर बीमारी हावी हो रही हैं। कैंसर ने तो इस कदर जकड़ना शुरू कर दिया है कि हर साल रोगियों की संख्या दो गुना बढ़ रही है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज के रेडियोथेरेपी डिपार्टमेंट के आंकड़े हैरान करने वाले हैं। पुरुषों में मुंह, गले के कैंसर के साथ अब बड़ी आंत का कैंसर तेजी से फैल रहा है। मेडिकल में इलाज की यूं तो काफी सुविधा है, लेकिन लीनियर एक्सीलेटर की सुविधा न होने से गंभीर मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में ये सुविधा नहीं हैं। जबकि मेडिकल में अलीगढ़ के अलावा कई शहरों के मरीज इलाज के लिए आते हैं।
ये हैं हालात
जेएन मेडिकल कालेज में वर्ष 2018 में कैंसर के दो हजार के करीब नए मरीज पहुंचे थे। 2019 में नए मरीजो की संख्या बढ़कर चार हजार पार कर गई। रेडियोथैरेपी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डा. मोहम्मद अकरम ने बताया कि मेडिकल कालेज में अलीगढ़ के अलावा हाथरस, एटा, कासगंज, बुलंदशहर, मेरठ, बदायूं, बरेली, मुरादाबाद, संभल, मथुरा आदि शहरों से मरीज आते हैं। हर रोज कैंसर के आठ से दस नए मरीजों की पहचान होती है। पुरुषों में मुंह और गले के कैंसर के अलावा बड़ी आंत का कैंसर अधिक हो रहा है। मुंह और गले के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू व गुटखा है। जबकि बड़ी आंत का कैंसर खानपान की वजह से हो रहा है।
महिलाओं कें बच्चे दानी का कैंसर अधिक
शहरी क्षेत्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस ज्यादा आ रहे हैं। इसकी तुलना में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में बच्चे दानी का कैंसर अधिक हो रहा है। डा. मोहम्मद अकरम के अनुसार चिंता की बात ये भी है कि यह रोग कम उम्र के लोगों में हो रहा है। अमूमन यह रोग 60 से 65 साल की उम्र में होता है। अब यह 40 से 45 साल के लोगों में हो रहा है।

टर्सरी कैंसर केयर सेंटर की जरूरत : प्रो. सिद्दीकी
मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल प्रो. शाहिद अली सिददीकी ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कैंसर के इलाज का कोई बड़ा सेंटर नहीं हैं। लीनियर एक्सीलेटर की भी सुविधा नहीं हैं। इस मशीन से मरीज के ट्यूमर के आसपास के हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। दो साल मेडिकल कालेज में टर्सरी कैंसर केयर सेंटर बनाने के लिए 40 करोड़ का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन बजट नहीं मिला। मेडिकल में फिलहाल सर्जरी के अलावा रेडियो थेरेपी, कीमो थेरेपी समेत कई और सुविधा मरीजों को दी जा रहीं हैं।
अब मैं ठीक हूं
अमरोहा के मोहम्म्द शमीम 2013 में मुंह के कैंसर से ग्रसित हो गए थे। उन्होंने 2014 में जेएन मेडिकल कालेज में इलाज कराया। अब पूरी तरह से ठीक हैं। पहले खा-पी भी नहीं सकते थे। मोहम्मद शमीम बताते हैं कि दवा के साथ खुद पर विश्वास भी रखना चाहिए। ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसे ठीक न किया जा सके। मेडिकल कालेज के डाक्टरों का आभार जिनकी वजह से आज में ठीक हूं।

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