'टॉयलेट भी जाओ तो पूछकर जाओ', कृषि विभाग में नियुक्त महिला ने बताई चौंकाने वाली बात; मुझे बुलाकर बनाया गया दबाव
कृषि विभाग की चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी ने उप कृषि निदेशक यशराज सिंह और दो अन्य कर्मचारियों पर मानसिक और जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीड़िता का दावा है कि उसे अपमानजनक बातें कही जाती थीं जैसे टॉयलेट भी जाओ तो पूछ कर जाओ। शिकायत जुलाई 2023 में कृषि निदेशक लखनऊ और महिला आयोग को दी गई थी लेकिन जांच के आदेश 17 महीने बाद जारी हुए।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। कृषि विभाग में नियुक्त एक महिला कर्मचारी ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और दो अन्य कर्मचारियों पर मानसिक और जातिगत उत्पीड़न का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि अधिकारियों द्वारा उसे बार-बार प्रताड़ित किया गया और शर्मिंदा करने के लिए अपमानजनक व्यवहार किया गया। अधिकारी द्वारा कहा गया, टायलेट भी जाओ तो पूछ कर जाओ। कृषि निदेशक, लखनऊ से 17 महीने पूर्व हुई इस शिकायत की जांच अब शुरू हुई है।
चतुर्थ श्रेणी पद पर तैनात महिला ने जुलाई, 2023 में कृषि निदेशक, लखनऊ और महिला आयोग को अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी। बावजूद इसके, मामले की जांच के आदेश 17 महीने बाद दिए गए। डेढ़ माह पूर्व ही आठ सदस्यीय जांच समिति गठित की गई।
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 11 जुलाई, 2023 को जब वह डाक रजिस्टर लेने जा रही थी, तभी रास्ते से कनिष्ठ सहायक प्रदीप कुमार शर्मा व स्थापना सहायक रविंद्र पाल सिंह उप कृषि निदेशक यशराज सिंह के पास ले गए। तब उप कृषि निदेशक और कर्मचारियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसे अपमानित किया।
आरोप है कि वेतन रोकने और स्थानांतरण की धमकी दी जाती थी। यहां तक कि शौचालय जाने पर भी नाम लेकर बुलाया जाता था और वापस आने पर कहा जाता था, ‘टायलेट भी जाओ तो पूछ कर जाओगी’। संयुक्त कृषि निदेशक डा. हरेंद्र कुमार मिश्रा ने प्रकरण की जांच आठ सदस्यीय टीम को सौंपी है।
जांच समिति पर उठाए सवाल
पीड़िता ने समिति की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘अधीनस्थ कर्मचारी अधिकारी के पक्ष में रहेंगे। गुरुवार को मुझे बुलाकर राजीनामा करने का दबाव बनाया गया, लेकिन मैंने लिखकर कुछ भी देने से इनकार कर दिया।
समिति का गठन
जांच भूमि संरक्षण अधिकारी दिव्या मौर्या की अध्यक्षता में हो रही है। समिति में चार महिला कर्मचारियों के साथ खाद्य बाबू रतन सिंह चौहान और पीपीओ कार्यालय के महफूज हसन शामिल हैं। यह समिति विभाग में महिला उत्पीड़न के मामलों की जांच करती है।
आरोप बिल्कुल निराधार हैं। इस तरह कोई अधिकारी नहीं कह सकता है। किसी के बरगलाने पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं। महिला उत्पीड़न के मामलों की जांच के लिए शासन के निर्देश पर डेढ़ माह पूर्व कमेटी बनाई गई थी। जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा। - यशराज सिंह, उप कृषि निदेशक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।