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    Swachh Bharat Mission Scheme : करोड़ों खर्च करके भी अलीगढ़ में स्वच्छता के नाम पर बिखरा है ‘कूड़ा’

    By Jagran NewsEdited By: Anil Kushwaha
    Updated: Mon, 07 Nov 2022 11:21 AM (IST)

    Swachh Bharat Mission Scheme स्‍वच्‍छ भारत अभियान योजना के तहत एक ओर जिला प्रशासन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है तो दूसरी ओर जिम्‍मेदार उस पर पलीता लगा रहे हैं। देखरेख के अभाव में जिले के सामुदायिक शौचालय बदहाल हो रहे हैं।

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    शहर में जगह-जगह फैली गंदगी स्‍वच्‍छता अभियान को आइना दिखा रहे हैं।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Swachh Bharat Mission Scheme : केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत अब ओडीएफ प्लस गांव तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सोमवार को पंचायती राज विभाग के निदेशक अनुज कुमार झा ओडीएफ प्लस में चयनित ग्राम पंचायतों की मंडलीय समीक्षा के लिए जिले में आ रहे हैं, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत पूर्व में संचालित योजनाओं में भी बड़ी लापरवाही हो रही है। देखरेख के अभाव में जिले के सामुदायिक शौचालय बदहाल हो रहे हैं। व्यक्तिगत शौचालयों का भी हाल खराब है। कहीं उपले भर हैं तो कहीं पर लकड़ियां भरी हुई हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए शुरू हुई प्लास्टिक बैंक योजना लापरवाही की भेंट चढ़ रही है।

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    एक शौचालय पर 12 हजार की धनराशि खर्च

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन अभियान की शुरुआत की थी। पहले चरण में इसके तहत ओडीएफ गांव घोषित करने का निर्णय लिया गया। इनमें व्यक्तिगत शौचालय बनाए गए। जिले में कुछ सालों में ही ढाई लाख से अधिक लोगों के यहां व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया। एक शौचालय पर करीब 12 हजार की धनराशि खर्च की गई। लोगों से अपील की गई कि खुले में शौच न जाएं। 2019 में जिले को ओडीएफ भी घोषित कर दिया गया, लेकिन जिले में व्यक्तिगत शौचालयों की हालात खराब है। तमाम लोग तो इनका प्रयोग उपले व लकड़ी रखने के लिए कर रहे हैं।

    सामुदायिक शौचालय

    जिले में कुल 867 ग्राम पंचायत हैं। पिछले दिनों इनमें स्वच्छ भारत मिशन योजना (Swachh Bharat Mission Plan) के तहत सामुदायिक शौचालय बनाने का फैसला लिया है। जिले भर में प्रति पंचायत एक शौचालय के हिसाब से 850 से अधिक शौचालय बनाए गए। कुछ पंचायतों में जगह न मिलने के कारण शौचालय नहीं बन सके। एक शौचालय पर चार से आठ लाख तक खर्च किए गए, लेकिन इतनी धनराशि खर्च करने के बाद भी लोगों को इनका फायदा नहीं मिल रहा है, जबकि हर शौचालय की देखरेख के लिए एक महिला समूह की नियुक्त है। प्रति महीने एक शौचालय के लिए समूह को नौ हजार रुपये दिए जाते हैं। इनमें छह हजार मानदेय व तीन हजार रुपये साबुन, तेल सामग्री के होते हैं। देखरेख के अभाव में यह शौचालय बदहाल हो रहे हैं। साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है।

    प्लास्टिक बैंक में भी खानापूर्ति

    पिछले दिनों सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूकता लाने के लिए गांव-देहात में प्लास्टिक बैंक की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। लोहे की जाली प्लास्टिक बैंक तैयार की गई हैं। एक गांव में चार से पांच स्थानों पर प्लास्टिक बैंक स्थापित की गईं। लोगों से अपील की गई कि इन बैंक में ही प्लास्टिक कचरे को डालें। एक बैंक पर करीब सात से आठ हजार रुपये खर्च हुए हैं। ऐसे में एक पंचायत में 40 से 45 हजार रुपये की धनराशि खर्च की गई, लेकिन गांव देहात में यह बैंक शोपीस बनकर रह गई हैं।

    सफाई कर्मी भी रहते हैं गैर हाजिर

    जिले की हर ग्राम पंचायत में साफ-सफाई के लिए सफाई कर्मी की तैनाती हैं, लेकिन तमाम प्रधानों की शिकायत रहती है कि यह सफाई कर्मी समय से नहीं आती हैं। कुछ सफाई कर्मी सरकारी कार्यालयों में भी लगे हुए हैं, जबकि शासन से इसके लिए स्पष्ट मनाही है।

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    मंडल की 219 ग्राम पंचायत बनेंगी ओडीएफ प्लस, आज होगी समीक्षा

    अलीगढ़ । एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज के आडिटोरियम में सोमवार को ओडीएफ प्लस के लिए चयनित पंचायतों की मंडलीय समीक्षा होगी। पंचायती राज विभाग के निदेशक भी इसमें शामिल होंगे। चारों जिलों में पांच हजार से अधिक की आबादी वाली 219 ग्राम पंचायतों को इसमें चयनित किया गया हैं। इसमें सबसे अधिक 67 ग्राम पंचायत अलीगढ़ जिले की हैं।

    ओडीएफ प्‍लस योजना शुरू

    डीपीआरओ धनंजय जायसवाल ने बताया कि केंद्र सरकार ने अब स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में ओडीएफ प्लस योजना शुरू की है। इसके तहत पहले चरण में पांच हजार से अधिक आबादी वाली पंचायत चयनित हुई हैं। मंडल में अलीगढ़ से 67, एटा की 39, हाथरस की 29 व कासगंज की 30 ग्राम पंचायत शामिल हैं।उन्होंने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे से सभी पंचायतों की समीक्षा शुरू होगी। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा होगी। बैठक में चयनित सभी पंचायतों के प्रधान व सचिवों के साथ ही चारों जिलों के मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, अपर जिला पंचायतराज अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, जिला कंसलटेंट, कंसल्टिंग इंजीनियर, खंड प्रेरक को बुलाया गया है। बैठक को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है।